Stock market : 30 अप्रैल के वोलेटाइल कारोबारी सत्र में भारतीय इक्विटी इंडेक्स निगेटिव रुझान के साथ बंद हुए हैं और निफ्टी 24300 से नीचे आ गया है। निफ्टी में मारुति सुजुकी, एचडीएफसी लाइफ, भारती एयरटेल, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस,पावर ग्रिड कॉर्प आज के टॉप गेनरों में रहे हैं। जबकि बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, ट्रेंट, टाटा मोटर्स, एसबीआई के शेयर टॉप लूजरों में रहे हैं। अलग-अलग सेक्टरों की बात करें तो रियल्टी इंडेक्स में 2 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि मीडिया और पीएसयू बैंक इडेक्सों में 2-2 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.5 फीसदी नीचे बंद हुआ है। वहीं, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1.4 फीसदी गिर कर बंद हुआ है।
कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 46.14 अंक या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 80,242.24 पर और निफ्टी 1.75 अंक या 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 24,334.20 पर बंद हुआ है। आज लगभग 938 शेयरों में तेजी आई, 2828 शेयरों में गिरावट आई और 141 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
चॉइस ब्रोकिंग के हार्दिक मटालिया का कहना है कि निफ्टी को 24,200 पर सपोर्ट मिला है। 24,100 और 24,000 पर अगले मजबूत सपोर्ट हैं। ऊपर की ओर पहला रेजिस्टेंस 24,400 पर होने की संभावना है। उसके बाद 24,500 और 24,700 पर अगले बड़े रेजिस्टेंस नजर आ रहे हैं।
बैंक निफ्टी पर अपनी राय देते हुए हार्दिक मटालिया ने कहा कि इसके लिए 55,000 और फिर 54,700-54,400 पर सपोर्ट हैं। अगर इंडेक्स तेजी पकड़ता है तो 55,600 पर रेजिस्टेंस देखने को मिल सकता है। इसके बाद 55,900 और 56,200 पर अगले बड़े रेजिस्टेंस होंगे।
बोनान्ज़ा के रिसर्च एनालिस्ट वैभव विदवानी का कहना है कि आज, भारतीय शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स में करीब 46 अंकों की गिरावट आई और निफ्टी 24,334 के करीब बंद हुआ। बाजार को मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के कारण दबाव का सामना करना पड़ा। निवेशकों की नजर अब आने वाले तिमाही नतीजों के साथ ही अमेरिका-भारत ट्रेड वार्ता और भारत-पाकिस्तान तनाव पर रहेगी। कुल मिलाकर, ग्लोबल ट्रेड से जुड़ी खबरों और घरेलू भू-राजनीतिक फैक्टर्स के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के हेड देवर्ष वकील का कहना है कि 8 अप्रैल से अब तक की तेजी अमेरिका में ट्रेड तनाव कम होने से आई है। चीन पर टैरिफ में कटौती और भारत जैसे प्रमुख भागीदारों के साथ संभावित ट्रेड डील की उम्मीद ने बाजार को बल दिया है। अभी एक दिन पहले ही,अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा था कि भारत के साथ होने वाली टैरिफ डील पर बातचीत सुचारु रूप से बढ़ रही है।
विदेशी निवेशकों से भी बाजार को अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। पिछले 10 कारोबारी सत्रों में ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में 37,325 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
इस पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार का कहना है कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और भारत की आर्थिक मजबूती ने भारत को ग्लोबल निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। इसके बावजूद निवेशकों को सावधानी से कदम उठाने चाहिए। एक शानदार तेजी के बाद,कुछ शेयरों में काफी उछाल आया है। ऐसे में यह कुछ मुनाफा बुक करने और पोर्टफोलियो में नकदी बढ़ाने के लिए अच्छा समय है।
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