उत्तराखंड की एक अदालत ने पतंजलि (Patanjali) के एक अधिकारी और दो अन्य को छह महीने की जेल की सजा सुनाई है। दरअसल, पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी (एक मिठाई) से लिए गए सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। सितंबर 2019 में पिथौरागढ़ के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने इस प्रोडक्ट के बारे में चिंता जताए जाने के बाद बेरीनाग बाजार की एक दुकान से सैंपल एकत्र किए थे।
इन तीन लोगों पर हुई कार्रवाई
पिथौरागढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजय सिंह ने यह कार्रवाई पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क, लक्सर के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी और दुकानदार लीलाधर पाठक पर की है। इन्हें खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।
इसके साथ ही अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और अजय जोशी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जबकि अभिषेक कुमार को 25 हजार रुपये और पाठक को 5 हजार रुपये का जुर्माना भरने को कहा।
क्या है पूरा मामला
17 सितंबर 2019 को लीलाधर पाठक की दुकान से कलेक्ट किए गए सैंपल को रुद्रपुर स्थित एक टेस्टिंग लैब में भेजा गया था। इस टेस्ट के रिजल्ट में प्रोडक्ट की घटिया गुणवत्ता का पता चला, जिसके बाद जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने तीनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने आगे कहा कि अगर तीनों आरोपी अपनी सजा पूरी करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें 7 दिन से 6 महीने तक की अतिरिक्त कैद काटनी होगी। अदालत का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में उलझी हुई है।