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चुनावों तक बाजार की चाल एक कदम आगे दो कदम पीछे बनी रहेगी, ऐसे बनाए इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

लोकसभा चुनावों के नतीजों से पहले स्टॉक मार्केट में काफी उतारचढ़ाव है। 18 मई को खत्म हफ्ते में मार्केट में अच्छी तेजी देखने को मिली। इससे पहले 11 मई को खत्म हफ्ते में मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। बाजार की इस चाल ने इनवेस्टर्स को कनफ्यूज कर दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोकसभा चुनावों के दौरान प्रमुख सूचकांकों में उतारचढ़ाव सामान्य है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही बाजार की दिशा का पता चलेगा। हालांकि, मार्केट का अनुमान है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब होंगे।

निवेशकों को इस उतारचढ़ाव को ध्यान में रखते हुए अपनी निवेश रणनीति तैयार करने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडियन मार्केट को लेकर कोई बड़ी चिंता नहीं दिख रही। एनडीए की सरकार अगर फिर से बनती है तो इससे मार्केट में बड़ी तेजी आएगी। इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ हफ्तों से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। एनडीए की सरकार बनने के बाद वे फिर से मार्केट में खरीदारी शुरू करेंगे। इसका असर बाजार पर दिखेगा। अगर चुनाव के नतीजें अनुमान के उलट आते हैं तो भी बाजार इस झटके से 2-3 हफ्तों में उबर जाएगा।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को फिलहाल शॉर्ट टर्म के लिए निवेश नहीं करने की सलाह है। अगर वे लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो उन कंपनियों के स्टॉक में निवेश कर सकते हैं, जिनकी वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लेवल पर है। साथ ही निवेशकों को एकमुश्त निवेश करने से बचने की जरूरत है। इसका मतलब है कि उन्हें अपने पूरे पैसे का निवेश एक बार में नहीं कर धीरे-धीरे करने की जरूरत है।

जो निवेशक म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में SIP के जरूरत निवेश कर रहे हैं। उन्हें बाजार के उतारचढ़ाव की वजह से अपने SIP को बंद नहीं करना है। अगर चुनावों के नतीजों के बाद बाजार में बड़ी गिरावट आती है तो भी उन्हें SIP से निवेश जारी रखना फायदेमंद रहेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मध्यम से लंबी अवधि में इंडियन मार्केट्स के लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। ऐसे में निवेश को बंद करने से निवेशक इंडियन मार्केट्स की तेजी का फायदा उठाने से चूक जाएंगे। खासकर के लंबी अवधि के निवेशकों को इस उतारचढ़ाव की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स के मुकाबले लार्जकैप स्टॉक्स में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। ऐसे में अगर कोई निवेशक निवेश करना चाहता है तो उसके एसेट एलोकेशन में लार्जकैप की हिस्सेदारी ज्यादा होनी चाहिए। यह अनुपात 60 और 40 का हो सकता है। इसका मतलब है कि निवेशक को अपना 60 फीसदी पैसा लार्जकैप स्टॉक्स में और 40 फीसदी पैसा स्मॉलकैप और मिडकैप में लगाना होगा।

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