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LIC HF प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग में सावधानी बरतेगी, सीईओ ने बताई इसकी वजह

एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस प्रोजेक्ट लोन सेगमेंट पर सावधानी बरतेगी। इसकी वजह यह है कि इस कैटेगरी में रिस्क ज्यादा है। एलआईसी एचएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ त्रिभुवन अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में सावधानी बरतना पसंद करेंगे क्योंकि प्रोजेक्ट लोन स्पेस में हमारा इतिहास बहुत अच्छा नहीं रहा है। हम इस बारे में सावधानी भरा एप्रोच अपनाना चाहते हैं। उन्होंने 16 मई को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं। एलआईसी हाउसिंग देश की सबसे बड़ी होम लोन फाइनेंस कंपनी है।

RBI के ड्राफ्ट नॉर्म के बाद आया बयान

एलआईसी एचएफ (LIC HF) का प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग पोर्टफोलियो FY24 में साल दर साल आधार पर 5 फीसदी गिरा है। कुल पोर्टफोलियो गिरकर 2,560 करोड़ रुपये पर आ गया। एक साल पहले यानी FY23 में यह 2,697 करोड़ रुपये था। कंपनी के एमडी और सीईओ का इस बारे में आया बयान काफी अहम है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग पर RBI के 3 मई के ड्राफ्ट नॉर्म के बाद आया है। आरबीआई के नॉर्म में कहा गया है कि जब कोई प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन फेज में होगा तो लोन देने वाले इंस्टीट्यूशन को लोन अमाउंट का 5 फीसदी प्रोविजन करना होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर यह घटकर 2.5 फीसदी हो जाएगा।

एफोर्डेबल हाउसिंग पर फोकस बढ़ा रही कंपनी

अधिकारी ने कहा कि यह रेगुलेटरी गाइडलाइन है। हमें इसका पालन करना पड़ेगा। हालांकि, अगर कंस्ट्रक्शन और प्रोजेक्ट फाइनेंस में हमें मौका दिखेगा तो हम ज्यादा प्रोविजनिंग के साथ फाइनेंसिंग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कंपनी अपनी एफोर्डेबल हाउसिंग बुक की ग्रोथ करीब 20-25 फीसदी चाहती है। पिछले 3-4 साल से यह ग्रोथ 10-12 फीसदी के बीच है। कंपनी ने एफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट पर फोकस बढ़ाने का फैसला किया है।

50 नए ऑफिसेज खोलेगी कंपनी

उन्होंने कहा कि हमने एफोर्डेबल फाइनेंस पर फोकस बढ़ाने का प्लान बनाया है। इसकी वजह यह है कि इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। हम टियर 3 शहरों में जाएंगे। हमने इसके लिए ऑर्गेनाइजेशन में कुछ स्ट्रक्चरल चेंजेज किए हैं। हम 50 एरिया ऑफिसेज ओपन करना चाहते हैं। इनमें से 46 ऑफिसेज टियर 3 शहरों में होंगे।

 

आरबीआई ने अप्रैल में लगाई थी पेनाल्टी

RBI ने 6 अप्रैल को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस पर फेयर प्रैक्टिसेज कोड के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर 49.7 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई थी। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि एलआईसी एचएफ ने इंटरेस्ट रेट और रिस्क को लेकर ग्रेडेशन अप्रोच का खुलासा नहीं किया था। उसने अलग-अलग कैटेगरी के बॉरोअर्स से अलग-अलग इंटरेस्ट रेट वूसलने की भी वजह नहीं बताई थी। अधिकारी ने कहा कि कंपनी ने इन गलतियों को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।

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