Vedanta News: अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड के बोर्ड ने 8,500 करोड़ रुपये तक के फंड जुटाने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए 11 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अपने पहले अंतरिम डिविडेंड की भी घोषणा की, जो कि 4089 करोड़ रुपये है। आपको बता दें कि यह दूसरी बार है जब कंपनी चालू वित्त वर्ष में फंड जुटा रही है। पिछले महीने कंपनी ने जानकारी दी थी कि डेब्ट सिक्योरिटीज के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना है।
डिविडेंड की रिकॉर्ड तिथि
वेदांता ने कहा- डिविडेंड के भुगतान के लिए रिकॉर्ड तिथि शनिवार, 25 मई, 2024 होगी और अंतरिम डिविडेंड का भुगतान भी निर्धारित समयसीमा के भीतर किया जाएगा। इस खबर के बीच गुरुवार को कारोबार के अंत में वेदांता के शेयर करीब एक फीसदी गिरकर 433.20 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
बढ़ रहा कर्ज
31 मार्च 2024 तक कंपनी का नेट डेब्ट एक साल पहले से लगभग 25 प्रतिशत बढ़कर 56,338 करोड़ रुपये हो गया। इसका पूरे साल का कैश एक साल पहले के 6,926 करोड़ रुपये से गिरकर 2,812 करोड़ रुपये हो गया। बता दें कि वेदांता समूह 6 अलग-अलग इकाइयों में विभाजित होने की प्रक्रिया में है। वहीं, चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच में वेदांता ने प्रॉफिट में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।
ब्रोकरेज का अनुमान
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि कमोडिटी की बढ़ती कीमतों से कैश फ्लो में सुधार होता है और वैल्यूएशन में वृद्धि की संभावना खुलती है। इसमें सुझाव दिया गया कि कंपनी पर कर्ज का बोझ काफी हद तक कम होना चाहिए। वित्त वर्ष 2024 में वेदांता का कर्ज चरम पर पहुंच सकता है।
जापानी कंपनी का किया अधिग्रहण
हाल ही वेदांता लिमिटेड ने जापानी ग्लास सबस्ट्रेट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी एवनस्ट्रेट इंक में अतिरिक्त 46.57 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इस अधिग्रहण के साथ एवनस्ट्रेट में वेदांता की कुल हिस्सेदारी बढ़कर 98.2 प्रतिशत हो गई है। यह लेनदेन चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही तक पूरा होने की संभावना है। वेदांता ने 2017 में जापानी कंपनी में 15.8 करोड़ डॉलर में नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदी थी।