प्रोविजनल आंकड़ों के मुताबिक 13 मार्च को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई/एफपीआई) नेट सेलर रहे। इन्होंने 792 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 1,723 करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध खरीदार रहे। 13 मार्च के कारोबारी सत्र के दौरान, एफआईआई ने 11,601 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 12,394 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। डीआईआई ने 10,032 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और 8,308 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस साल अब तक, एफआईआई 1.64 लाख करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध विक्रेता रहे हैं, जबकि डीआईआई ने 1.77 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
इक्विटी मार्केट की बात करें तो 13 मार्च को घरेलू बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितताएं भारत और अमेरिका के नरम महंगाई आंकड़ों की अच्छी खबर पर भारी पड़ती दिखीं। ऑटोमोबाइल और आईटी शेयरों को सबसे ज्यादा मार पड़ी जिससे निफ्टी और सेंसेक्स पर दबाव पड़ा। आज शुक्रवार को होली के अवसर पर भारतीय शेयर बाजार बंद हैं।
अमेरिका में महंगाई में आई गिरावट और अच्छे ग्लोबल संकेतों के दम पर बेंचमार्क इंडेक्सो ने सत्र की शुरुआत सकारात्मक रूप से की थी। अमेरिका में महंगाई घटने से फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जगी है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि महंगाई में नरमी और जीडीपी के आंकड़ों में उछाल भी निवेशकों को खुश करने में विफल रहा। बाजार में कल बिकवाली का दबाव हावी रहा। मिलेजुले यूरोपीय और एशियाई संकेत और एफआईआई की बिकवाली बाजार पर हावी रही। निवेशक ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर संभावित टैरिफ लगाए जाने और इसके अंसर को लेकर चिंतित हैं, इसलिए बाजार में कुछ और समय तक निगेटिव रुझान के साथ सावधानी बरती जा सकती है।
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