Adani Ports Shares: नॉर्वे की सॉवेरन वेल्थ फंड ने अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports & SEZ) के शेयर को अपने पोर्टफोलियो से बाहर निकालने का फैसला किया है। करीब 1.7 लाख करोड़ डॉलर की साइज वाली इस फंड ने कहा कि कंपनी युद्ध और संघर्षरत इलाकों में मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़ी हुई है और यह एक ऐसा जोखिम है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस वेल्थ फंड को मैनेज करने वाली संस्था, नॉर्गेस बैंक इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट (NIBM) ने बुधवार देर रात जारी एक बयान में यह घोषणा की। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी पोर्ट्स के अलावा फंड ने अमेरिका मुख्यालय वाली कंपनी ‘एल3हैरिस टेक्नोलॉजीज इंक (L3Harris Technolgies Inc)’ और चीन की वीचाई पावर कंपनी (Weichai Power Co) को भी पोर्टफोलियो से बाहर निकाला है। L3Harris जहां परमाणु हथियायों के लिए कंपोनेंट बनाती है। वहीं वीचाई पावर पर रूस और बेलारूस को सैन्य उपकरणें बेचने का आरोप है।
यह पिछले साल के अंत में नॉर्वे की एथिक्स काउंसिल की ओर से दिए गए एक सलाह के बाद आया है। एथिक्स काउंसिल, इस सॉवरेन वेल्थ फंड को सलाह देती है।
NIBM ने अरबपति गौतम अदाणी की लॉजिस्टिक्स एंड ट्रासपोर्टेशन कंपनी को साल 2022 से ही ‘निगरानी सूची’ में डाला हुआ था। मूलरूप से ऐसा म्यांमार के एक पोर्ट टर्मिनल से कंपनी के रिश्ते को लेकर किया गया था। अदाणी पोर्ट्स ने इस बंदरगाह को पिछले साल बेच दिया था।
नार्वे की एथिक्स काउंसिल ने एक अलग बयान में कहा था कि यह बंदरगाह जिसे बेचा गया है, उस खरीदार की जानकारी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उसके लिए यह तय करना संभव नहीं है कि अदाणी पोर्ट्स का अभी भी इस पोर्ट टर्मिनल से रिश्ता है या नहीं।
काउंसिल ऑन एथिक्स ने कहा, “ऐसी स्थिति में जहां बेहद गंभीर मानदंडों का उल्लंघन हो रहा है, यह एक अस्वीकार्य जोखिम है।” NIBM ने एथिक्स काउंसिल की सिफारिशों का हवाला देकर यह टिप्पणी की। साल 2023 के अंत में NBIM के पास L3Harris में 0.79 फीसदी हिस्सेदारी, अदाणी पोर्ट्स में 0.23 फीसदी हिस्सेदारी और वीचाई पावर की 0.13 फीसदी हिस्सेदारी थी।
इस बीच अदाणी पोर्ट्स के शेयर गुरुवार दोपहर 2.15 बजे के करीब, एनएसई पर 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ 1,314.75 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इस साल की शुरुआत से अबतक अदाणी ग्रुप के शेयरों में 25.58 फीसदी की तेजी आई है।