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निफ्टी आईटी इंडेक्स 9 महीने के निचले स्तर पर

 

भारतीय सॉफ्टवेयर निर्यातकों के प्रमुख बाजार अमेरिका में मंदी की चिंता के कारण ताजा बिकवाली से बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी शेयर करीब नौ महीने के निचले स्तर पर बंद हुए। वृद्धि पर जोखिम का हवाला देने वाली मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट का भी मनोबल पर असर पड़ा। तकनीकी शेयरों के प्रदर्शन का पैमाना निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 3 फीसदी गिरकर 36,311 पर आ गया जो 28 जून के बाद सबसे निचला स्तर है। पिछले एक महीने में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के अनिश्चित परिदृश्य के बीच निफ्टी आईटी इंडेक्स में करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है। इसके मुकाबले निफ्टी-50 में 2.5 फीसदी की गिरावट आई है।

हालिया घटनाक्रम के कारण ब्रोकरेज फर्मों ने भारतीय आईटी क्षेत्र की आय परिदृश्य को लेकर चिंता जताई है और अनुमान लगाया है कि आगे चलकर इन कंपनियों की राजस्व वृद्धि दर कम रहेगी। मॉर्गन स्टैनली के नोट के अनुसार आर्थिक और अन्य प्रमुख संकेतक वित्त वर्ष 26 में राजस्व वृद्धि में पिछले अनुमान के मुकाबले धीमे सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं। इसके अलावा नए प्रौद्योगिकी चक्र के जारी रहने से उन्हें अब एक ट्रांजिशन फेज की संभावना दिखाई दे रही है क्योंकि खर्च को फिर से प्राथमिकता दी जा रही है और वृद्धि दर लंबे समय से नरम बनी हुई है।

मॉर्गन स्टैनली के गौरव रातेरिया, सुलभ गोविला और साक्षी राणा ने एक नोट में कहा है, इस संदर्भ में हम पूरे क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 27 में राजस्व वृद्धि के अपने पूर्वानुमान घटा रहे हैं। हमारे प्रति शेयर आय अनुमानों में बहुत अधिक बदलाव नहीं होता क्योंकि हम अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य ह्रास को ध्यान में रखते हैं। हालांकि, हम शेयरों के लिए अपने मल्टीपल को कम करते हैं क्योंकि कोई भौतिक और सकारात्मक उत्प्रेरक न होने पर शेयरों के दीर्घकालिक औसत गुणकों के करीब लौटने का जोखिम है।

मॉर्गन स्टैनली ने इन्फोसिस को डाउनग्रेड कर इक्वलवेट कर दिया है और एचसीएल टेक्नॉलजीज (एचसीएलटी) के मुकाबले टेक महिंद्रा को तरजीह दी है। उसने सभी प्रमुख आईटी शेयरों की लक्षित कीमतों में भी कटौती की है।

मॉर्गन स्टैनली के नोट में कहा गया है, वृद्धि के लिए जोखिम में इजाफा हुआ है और हम वित्त वर्ष 26-27 के लिए अपने वृद्धि पूर्वानुमानों को 100-200 आधार अंकों (बीपीएस) तक कम कर रहे हैं। हमारा अनुमान है कि अब वृद्धि दर वित्त वर्ष 24/25 के रुझानों के अनुरूप या उससे कम रहेगी, यह मानते हुए कि आर्थिक अस्थिरता विवेकाधीन खर्च रोक देती है और लागत कम करने वाली परियोजनाओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।

आईटी शेयरों में भारी गिरावट

इस बीच, बुधवार को निफ्टी आईटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली और उसके सभी शेयर नीचे आ गए। एलऐंडटी टेक्नॉलजी सर्विसेज सबसे ज्यादा नुकसान में रही और यह करीब 5.5 फीसदी गिरकर 4,391 रुपये पर आ गई। मॉर्गन स्टैनली के अलावा मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के विश्लेषकों ने भी इस सेक्टर को लेकर सतर्कता बरती है। उन्होंने इन्फोसिस और एलटीटी को न्यूट्रल और विप्रो को बिकवाली की रेटिंग दी है लेकिन टेक महिंद्रा को खरीद की रेटिंग दी है।

एमओएफएसएल ने कहा कि उभरती पृष्ठभूमि ने वित्त वर्ष 26 में विवेकाधीन व्यय का पूर्वानुमान अनिश्चित बना दिया है तथा वित्त वर्ष 25 में ठीक-ठाक सुधार की संभावना अब नहीं है।

एमओएफएसएल ने कहा कि छह महीने बाद भी अमेरिका में दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है और भू-राजनीतिक/शुल्क जोखिम स्थिरता पर भारी पड़ रहे हैं। मूल्यांकन के मोर्चे पर एमओएफएसएल के नोट में कहा गया है कि निफ्टी आईटी पीई, हालिया गिरावट के बावजूद निफ्टी पीई के मुकाबले उच्च प्रीमियम पर बना हुआ है। इसका वर्तमान प्रीमियम 37 फीसदी है जो पिछले 5 साल के औसत से अभी भी अधिक है।

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