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Nifty Outlook: कब बनेगा निफ्टी में बॉटम? नुवामा का ये है कैलकुलेशन, इन सेक्टर्स पर लगाया दांव

Nifty Outlook: लगातार 55 महीने की रिकॉर्डतोड़ तेजी के बाद निफ्टी 50 (Nifty 50) ने जब फिसलना शुरू किया तो लगातार पांचवे महीने इसमें गिरावट रही। इतनी लंबी गिरावट 29 साल में पहली बार आई है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि इतनी लंबी गिरावट के दौरान वोलैटिलिटी काफी कम रही जिससे संकेत मिल रहा है कि अभी तगड़ी बिकवाली देखनी बाकी है। ब्रोकरेज का कहना है कि बिना किसी वैश्विक खतरे के निफ्टी की यह तेज गिरावट सामान्य नहीं है और इसकी वजह मुख्य रूप से भारतीय कंपनियों की कमजोर कमाई और हाई वैल्यूएशन है।

कब बनेगा मार्केट का बॉटम?

कंपनियों की कमजोर कमाई और विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली के चलते निफ्टी 50 रिकॉर्ड हाई से करीब 15 फीसदी टूट चुका है। हालांकि उभरते बाजारों की तुलना में भारत का वैल्यूएशन प्रीमियम अब 10 साल के औसतन लेवल है तो नुवामा का मानना है कि भारत की रेटिंग में कटौती का दौर अब खत्म हो चुका है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि आरबीआई ने जो ढील दी है, उससे शॉर्ट टर्म में राहत मिल सकती है लेकिन अमेरिकी ग्रोथ में सुस्ती और राजनीतिक उथल-पुथल से गिरावट का दबाव बना हुआ है।

बॉटम कब तक बनेगा, इसे लेकर नुवामा का कहना है कि इसे लेकर अभी कुछ नहीं कह सकते है लेकिन बॉटम से इक्विटी मार्केट तभी निकलेगा, जब कंपनियों की कमाई ट्रैक पर आएगी या केंद्रीय बैंक दरों में तेज कटौती करते हैं। हालांकि वैश्विक स्तर पर बॉन्ड यील्ड्स अब भी ऊंची बनी हुई हैं, जिससे मौद्रिक नीति में राहत का प्रभाव अब तक सीमित है। नुवामा का सुझाव है कि मार्केट वापसी कब करेगा, इसे लेकर अर्निंग्स यील्ड और बॉन्ड यील्ड का फर्क अभी भी भरोसेमंद संकेतक बना हुआ है और यह अभी वापसी का संकेत नहीं दे रहा है।

Nuvama ने अब इन पर लगाया दांव

वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता को देखते हुए ब्रोकरेज की पसंद स्मॉल और मिडकैप की तुलना में लॉर्ज कैप स्टॉक्स बनी हुई है। सेक्टरवाइज बात करें तो नुवामा ने हाई वैल्यूएशन और अमेरिकी मार्केट के कमजोर आउटलुक के चलते आईटी को डाउनग्रेड कर न्यूट्रल से अंडरवेट कर दिया है। वहीं सरकारी नीतियों के सपोर्ट पर कंज्यूमर सेक्टर की रेटिंग को बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। ब्रोकरेज फर्म कंज्यूमर, प्राइवेट बैंक, इंश्योरेंस, टेलीकॉम, फार्मा, सीमेंट और केमिकल्स पर ओवरवेट है तो इंडस्ट्रियल्स, मेटल्स, पावर, आईटी, ऑटो और पीएसयू पर अंडरवेट है। प्रमुख रिस्क की बात करें तो अमेरिकी फेड बड़ी राहत दे या रुपये में तेज गिरावट आए तो मार्केट की चाल अनुमान के विपरीत हो सकती है।

डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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