Tax Saving Investment: बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए निवेश करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी सही टैक्स-सेविंग योजना का चुनाव करना है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत निवेशक सालाना 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट ले सकते हैं। इस छूट का फायदा लेने के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, एफडी, ईएलएसएस और यूलिप जैसी कई योजनाएं हैं। सही योजना चुनकर न केवल टैक्स बचाया जा सकता है, बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल बेस तैयार किया जा सकता है। इन स्मार्ट टिप्स को अपनाकर माता-पिता अपने बच्चों के लिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दरों वाली सरकारी योजनाएं हैं। आयकर अधिनियम की सेक्शन 80C के तहत, इनमें किए गए निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का फायदा मिलता है। साथ ही इन योजनाओं से मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट पर कोई टैक्स नहीं लगता। हालांकि, सुकन्या समृद्धि योजना केवल बेटियों के लिए है।
राष्ट्रीय सेविंग पत्र (NSC) और पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम
NSC एक अच्छा टैक्स-सेविंग ऑप्शन है, जिसमें सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती मिलती है। हालांकि, इसमें मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। दूसरी ओर डाकघर सेविंग अकाउंट सालाना 10,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट देता है।
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग योजना (ELSS)
अगर आप अधिक रिटर्न चाहते हैं और साथ में टैक्स भी बचाना चाहते हैं, तो ELSS म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें निवेश करने पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। हालांकि, इसमें लॉक-इन पीरियड तीन साल का होता है और ये बाजार जोखिम से भी जुड़ा होता है।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs)
ULIPs न केवल निवेश का मौका देत है, बल्कि बीमा कवर भी देता है। इसमें सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती मिलती है। साथ ही मैच्योरिटी और डेथ बेनेफिट भी टैक्स फ्री होते हैं।
टैक्स फ्री बॉन्ड और NPS
टैक्स फ्री बॉन्ड तय रिटर्न देता है। इन पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती। वहीं, NPS योजना में निवेश करने पर सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये की एक्स्ट्रा छूट मिलती है।
बच्चों के नाम पर निवेश और एजुकेशन लोन
एक्सपर्ट के अनुसार रिश्तेदारों से बच्चों के नाम पर गिफ्ट के तौर पर निवेश कराकर टैक्स लाभ उठाया जा सकता है। इसके अलावा हायर एजुकेशन के लिए एजुकेसन लोन लेना भी फायदेमंद होता है, क्योंकि सेक्शन 80E के तहत इसके ब्याज पेमेंट पर टैक्स छूट मिलती है।
