अगर आप उन स्टॉक्स की तलाश में हैं जिनकी मार्केट की रिकवरी में सबसे बड़ा रोल होगा तो आप फॉर्मा और हेल्थकेयर स्टॉक्स पर दांव लगा सकते हैं। सैमको म्यूचुअल फंड के सीआईओ उमेशकुमार मेहता का कहना है कि कई वजहों से फार्मा और हेल्थकेयर स्टॉक्स अभी काफी स्ट्रॉन्ग दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले बुल मार्केट में फाइनेंशियल्स और कंज्यूमर स्टेपल्स स्टॉक्स की भी बड़ी भूमिका होगी। कैपिटल मार्केट्स का 25 साल से ज्यादा अनुभव रखने वाले मेहता ने कहा कि हर बुल रन के हीरो अलग-अलग होते हैं। हर बुल रन में सेक्टर और स्टॉक्स बदल जाते हैं।
मेहता ने कहा कि आज इंडियन फॉर्मा सेक्टर अच्छी पोजीशन में है। इसकी कई वजहें हैं। इनमें कॉस्ट स्ट्रक्चर, कॉम्पटिटिव पोजीशनिंग, रिसर्च कैपेबिलिटी और क्वालिफायड प्रोफेशनल्स की उपलब्धता शामिल हैं। इसके अलावा फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर को चाइना प्लस 1 स्टोरी का भी फायदा मिलेगा। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर बढ़ने से इसकी संभावना और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मीडियम टर्म में मार्केट में बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग के लिए अनुकूल स्थितियां होंगी।
अभी कहां निवेश करना सही रहेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लार्जकैप स्पेस में मौकों की तलाश की जा सकती है। इसकी वजह यह है कि वैल्यूएशन अट्रैक्टिव है। यह 10 साल के औसत से नीचे आ गई है। Nifty की वैल्यूएशन एक साल की फॉरवर्ड अर्निंग्स की 18.6 गुना पर आ गई है। यह इसके 20.5 गुना के लंबी अवधि के औसत से कम है। इससे यह सेगमेंट निवेश के लिहाज से काफी आकर्षक हो गया है। स्लोडाउन और अनिश्चितता के बीच लॉर्जकैप कंपनियों की अर्निंग्स के बारे में अंदाजा लगाना आसान होता है।
मेहता ने काह कि हेल्थकेयर स्पेस में डॉयग्नास्टिक्स और हॉस्पिटल्स शामिल हैं। इनकी ग्रोथ लंबे समय तक जारी रहने की संभावना है। इसकी वजह यह है कि अभी इंडिया में हेल्थकेयर सेवाओं की कमी है। इस सेगमेंट में कई स्टॉक्स हैं। इनमें से ग्रोथ वाले स्टॉक्स की पहचान की जा सकती है। हेल्थकेयर सर्विसेज धीरे-धीरे ऑर्गेनाइज हो रहा है। इसका फायदा इस सेक्टर की मजबूत कंपनियों को मिलेगा।
FIIs की इंडियन मार्केट में वापसी के बारे में उन्होंने कहा कि हाल में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने फोकस इंडिया जैसे उभरते बाजारों की जगह विकसित बाजारों खासकर अमेरिका पर बढ़ाया है। इसकी वजह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के फिर से अमेरिका को महान बनाने (MAGA) का नारा है। लेकिन, अगर अमेरिका राष्ट्रपति का यह नारा जमीन पर नहीं उतरता है तो FIIs फिर से इंडिया जैसे उभरते बाजारों का रुख करेंगे।
