Hindustan Zinc की चेयरपर्सन ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘भारत की इस्पात क्षमता में विस्तार और बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक ध्यान के साथ, हिंदुस्तान जिंक 2030 तक अपने उत्पादन को दोगुना करके 20 लाख टन सालाना करने की राह पर है। हमारा जिंक, इस्पात गैल्वनाइजेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’ कंपनी की जिंक उत्पादन क्षमता इस समय सालाना 11 लाख टन है।
हेब्बार ने कहा कि कंपनी महत्वपूर्ण खनिजों में भी विस्तार कर रही है और उसे देश में कई ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया है। हिंदुस्तान जिंक की रोस्टर और उर्वरक संयंत्र परियोजनाएं भी आगे बढ़ रही हैं। ‘‘चाहे हमारे ‘टेली-रिमोट’ संचालन हों, जो हमें सतह से भूमिगत खदानों को संचालित करने की क्षमता देते हैं या धातु उत्पादन में उन्नत रोबोटिक्स का इस्तेमाल हो, हम अपने संचालन में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
कंपनी के कृत्रिम मेधा (एआई) को तेजी से अपनाने से अयस्क निकालने, प्रसंस्करण और धातु उत्पादन में वृद्धि हुई है और इसकी उत्पादकता लगातार बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में, कंपनी का धातु उत्पादन चार प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है, जबकि चांदी का उत्पादन पांच प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
वेदांता लिमिटेड ने हाल ही हासिल किए है दो ब्लॉक
खनन मंत्रालय ने जब नवंबर, 2024 में चौथे दौर की नीलामी में आवंटित आठ महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के लिए प्राथमिकता प्राप्त बोलीदाताओं की घोषणा की थी तब इन ब्लॉक को हासिल करने वाली कंपनियों में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, वेदांता, ऑयल इंडिया, ओडिशा मेटालिक्स और मैमको माइनिंग शामिल थे।
इस बोली में वेदांता समूह को अरुणाचल प्रदेश में डेपो वैनाडियम और ग्रेफाइट ब्लॉक (नीलामी प्रीमियम: 2.55%) और कर्नाटक में सन्यासिकोप्पा कोबाल्ट, मैंगनीज और आयरन ब्लॉक (नीलामी प्रीमियम: 45.00%) प्राप्त हुए थे।
असम- त्रिपुरा ऑयल ब्लॉक में 50 हजार करोड़ का निवेश
खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने नवंबर, 2024 में घोषणा की है कि कंपनी अगले 3-4 वर्षों में असम और त्रिपुरा के तेल और गैस क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
असम में आयोजित ‘एडवांटेज असम’ इन्वेस्टमेंट समिट के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि समूह की कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस पहले ही पूर्वोत्तर क्षेत्र के इन दो राज्यों में लगभग 2,500 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।
अनिल अग्रवाल ने कहा, “असम प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है और दुनिया का मेगा बेसिन बनने की क्षमता रखता है। असम के सतत विकास और प्रगति में हम महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।” कंपनी ने “अगले 3-4 वर्षों में असम और त्रिपुरा के तेल और गैस क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है।”
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