अमेरिका की सोने का भूख दुनिया भर से सोना ‘खींच’ रही है. कुछ ऐसा ही अब शुरू हो गया है. सीएनबीसी की खबर बताती है कि अमेरिका में सोने की जबरदस्त मांग ने दुनिया भर के सोने के बाजार में हलचल मचा दी है. अमेरिका में सोने की इतनी ज्यादा मांग है कि दूसरे देशों से सोना लगातार न्यूयॉर्क की तिजोरियों में पहुंच रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह है – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मैक्सिको से आयात पर भारी टैक्स (टैरिफ) लगाने का खतरा.
अमेरिका की तिजोरियों में सोने का अंबार-अमेरिका में सोने का स्टॉक इतना बढ़ गया है कि न्यूयॉर्क की तिजोरियां सोने से भर गई हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, दिसंबर 2023 से अब तक 600 टन यानी करीब 2 करोड़ औंस सोना न्यूयॉर्क की तिजोरियों में आ चुका है. आमतौर पर इतना सोना न्यूयॉर्क में नहीं रखा जाता, लेकिन अब हालात असामान्य हैं.
ऐसा अचानक क्यों शुरू हुआ-
ट्रंप सरकार ने एलान किया है कि 1 फरवरी 2025 से कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामान पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा. इसमें सोना भी शामिल हो सकता है. इसी डर से अमेरिकी बैंकों, निवेशकों और ट्रेडर्स ने पहले से ही जमकर सोना मंगवा लिया है, ताकि टैरिफ लागू होने से पहले स्टॉक तैयार हो जाए.
…बाकी देशों पर भी खतरा-मामला यहीं खत्म नहीं होता. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे चलकर ब्रिटेन और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों से आने वाले सोने पर भी टैक्स लग सकता है. ये दोनों देश दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड सप्लायर हैं.
अमेरिका कैसे खींच रहा है दुनिया का सोना? कनाडा, स्विट्ज़रलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका और कोलंबिया से सबसे ज्यादा सोना अमेरिका मंगा रहा है. ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद से अमेरिकी गोल्ड प्राइस बाकी देशों से ज्यादा तेजी से बढ़ी है, जिससे ट्रेडर्स को अमेरिका में सोना बेचने में ज्यादा फायदा हो रहा है.
न्यूयॉर्क में स्टोर गोल्ड अब अमेरिका की करीब 4 साल की मांग को पूरा करने के लिए काफी है.
सोना लंदन से अमेरिका शिफ्ट हो रहा है- लंदन को दुनिया का गोल्ड हब कहा जाता है, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. ट्रेडर्स ने लंदन की प्राइवेट तिजोरियों से सोना निकालकर न्यूयॉर्क भेजना शुरू कर दिया है. लंदन में सोने का स्टॉक लगातार घट रहा है. जनवरी 2025 में लंदन के गोल्ड रिजर्व में लगातार तीसरी बार कमी दर्ज की गई.
गोल्ड बार का संकट- एक और समस्या ये है कि अमेरिका में सोने की डिलीवरी आमतौर पर 1 किलो की गोल्ड बार में होती है. ये बार ज्यादातर चीन, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडल ईस्ट और भारत में बनती हैं.
अब दुनिया भर में रिफाइनरी पर दबाव बढ़ गया है कि वे 400-औंस बार (जो लंदन में आम हैं) को 1 किलो की बार में बदलें ताकि उन्हें अमेरिका भेजा जा सके.
स्विट्जरलैंड और सिंगापुर से रिकॉर्ड एक्सपोर्ट-स्विट्जरलैंड से अमेरिका को जनवरी में पिछले 13 साल में सबसे ज्यादा सोना भेजा गया. सिंगापुर ने भी उम्मीद से ज्यादा सोना अमेरिका भेजा है.
सप्लाई चेन पर असर-ट्रेडर्स का कहना है कि अमेरिका ने जिस तरह से सोना “खिंच” लिया है, उससे ग्लोबल सप्लाई चेन पूरी तरह गड़बड़ा गई है. ट्रंप का एक ही झटका दुनिया भर के सोने के कारोबार पर असर डाल सकता है.
…डर बहुत बड़ा है- अब एक्सपर्ट्स को डर है कि अगर ट्रंप ने अचानक सभी देशों से आयात होने वाले सोने पर 100% टैरिफ लगा दिया, तो अमेरिका की गोल्ड कीमतों पर ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि वहां पहले से ही भरपूर स्टॉक तैयार है. लेकिन बाकी दुनिया के बाजार में डिलीवरी और कीमतों पर भारी असर पड़ेगा.
कुल मिलाकर- अमेरिका में सोने की रिकॉर्ड डिमांड ने लंदन, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और कई देशों से सोने की सप्लाई खींच ली है. ट्रंप के टैरिफ का डर पूरी ग्लोबल गोल्ड मार्केट में हड़कंप मचा रहा है. निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच अनिश्चितता और घबराहट बढ़ती जा रही है.
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