Uncategorized

Stock Market Crash: फरवरी ने डुबा दिए निवेशकों के ₹40.8 लाख करोड़, ब्रोकरेज ने बताया कब थमेगी गिरावट

 

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में निराशाजनक चाल जारी है. भारतीय शेयर बाजार में मार्च सीरीज की बेहद कमजोर शुरुआत हुई है और फरवरी में निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है. निफ्टी 420 अंक गिरकर 22,124 पर बंद हुआ. सेंसेक्स 1414 अंक गिरकर 73,198 पर बंद हुआ और निफ्टी बैंक 399 अंक गिरकर 48,344 के स्तर पर बंद हुआ. बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों को एक ही दिन में 9.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

फरवरी में कैसा रहा बाजार?

यूं तो शेयर बाजार लगातार पांच महीनों से गिर रहे हैं, लेकिन फरवरी में बाजार और भी ज्यादा सपोर्ट लेवल तोड़ता नजर आया. निवेशकों के लिए  बाजार घाटे का सौदा रहा. पूरे फरवरी महीने में बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. इस दौरान निवेशकों ने कुल 40.8 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. सेक्टोरल इंडेक्स और प्रमुख सूचकांकों में भी जबरदस्त गिरावट देखी गई.

फरवरी महीने में इंडेक्स परफॉर्मेंस

NIFTY 50 – 5.5% नीचे

BANK NIFTY – 2.5% नीचे

SENSEX – 5.3% नीचे

Nifty Midcap 100 – 11.5% नीचे

Nifty Smallcap 100 – 13.3% नीचे

सबसे ज्यादा गिरने वाले सेक्टर

फरवरी में सबसे ज्यादा गिरावट आईटी, एफएमसीजी, सरकारी कंपनियों (PSE), एनर्जी और ऑटो सेक्टर में देखी गई.

Nifty IT – 12.4% नीचे

Nifty FMCG – 9.9% नीचे

Nifty PSE – 13% नीचे

Nifty Energy – 11.5% नीचे

Nifty Auto – 9.7% नीचे

बड़ी गिरावट वाले स्टॉक्स

आईटी सेक्टर (-5% से -7%)

Mastek

Oracle Fin

Zensar Tech

Newgen Software

पीएसई सेक्टर (-5% से -6%)

REC

CONCOR

Oil India

New India Assurance

डिफेंस सेक्टर (-4% से -6%)

Walchandnagar Industries

Premier Explosives

DCX Systems

Data Patterns

मार्केट में कुछ शेयरों ने दिखाई मजबूती

बाजार में गिरावट के बावजूद कुछ स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया और इनमें 2-7% की बढ़त दर्ज की गई.

KFIN Tech

Craftsman Automation

Star Health

Home First Finance

Jefferies का बाजार पर नजरिया: बिकवाली के बावजूद कोई बड़ी मैक्रो चिंता नहीं

ब्रोकरेज फर्म Jefferies का कहना है कि तकनीकी कमजोरी के चलते बाजार में बिकवाली हावी रही, लेकिन कोई बड़ी मैक्रोइकॉनॉमिक चिंता नहीं है. बिकवाली मुख्य रूप से हाई बीटा डोमेस्टिक साइक्लिकल सेक्टर्स में रही. रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला.

मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल: आर्थिक नीतियों पर प्रभाव

Jefferies के अनुसार, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की नीतियां “लोकलुभावन” हो सकती हैं, लेकिन कुछ नीतिगत कदम बाजार के लिए सकारात्मक होंगे. ग्रामीण मांग सुधारने के लिए सरकार के फैसले पॉजिटिव हैं. बजट में आयकर से जुड़े अपडेट्स शहरी खपत को बढ़ावा देंगे. कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स मजबूत बनी हुई हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलेगी. क्रेडिट और मॉनेटरी टाइटनिंग का दौर अब खत्म हो चुका है, जिससे फाइनेंशियल सेक्टर को राहत मिलेगी. Jefferies ने कहा कि अगर मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स को सालाना नुकसान होता है, तो बाजार के लिए यह चिंता की बात हो सकती है. लेकिन जैसे ही मिडकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशन ब्लूचिप कंपनियों के करीब आना शुरू होगी, बाजार का करेक्शन थम सकता है.

Jefferies ने India Long-Only पोर्टफोलियो में किए बदलाव

Jefferies ने अपने India Long-Only पोर्टफोलियो में बदलाव किए हैं, जिसमें Indigo को शामिल किया गया है, जबकि Coal India को बाहर कर दिया गया है. इन्होंने Indigo को 4% वेटेज के साथ पोर्टफोलियो में जोड़ा है. Coal India को पोर्टफोलियो से हटाया है और Thermax के वेटेज में 1% की कटौती की है.

बाजार में अनिश्चितता जारी, लेकिन लॉन्ग टर्म में संभावनाएं बरकरार

भारतीय शेयर बाजार में फरवरी महीना निवेशकों के लिए बेहद नुकसानदेह रहा, जहां सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई. हालांकि, Jefferies का मानना है कि यह बिकवाली सिर्फ तकनीकी कमजोरी की वजह से आई है, न कि किसी बड़ी मैक्रोइकॉनॉमिक समस्या के कारण. आने वाले दिनों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की वैल्यूएशन स्थिर होने के बाद करेक्शन रुकने की उम्मीद है. इसके अलावा, सरकार के नीतिगत फैसले, बजट में खपत बढ़ाने के उपाय और वित्तीय स्थिरता से बाजार को सपोर्ट मिल सकता है.

Source link

जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top