सरकार ने 15 मई को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कोल इंडिया, एनएमडीसी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) विदेशी मुल्कों में अहम मिनरल्स की तलाश शुरू करेंगी। ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) पब्लिक सेक्टर की कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) की विदेशी निवेश शाखा है। पब्लिक सेक्टर की इन इकाइयों की विदेश में पहले से ही किसी न किसी तरह की मौजूदगी है।
मिनरल सेक्रेटरी वी. एल. कांथा राव ने ऑफशोर माइनिंग पर एक कार्यशाला के मौके पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘सचिवों के एक ग्रुप ने निर्णय लिया है कि ये कंपनियां (कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड) आगे बढ़ें और विदेशों में अहम मिनरल्स पर भी ध्यान दें। यह एक आसान तरीका है। ये कंपनियां पहले से ही विदेश में कारोबार कर रही हैं।’
उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर की कंपनी कोल इंडिया (Coal India) चिली में कुछ लिथियम ब्लॉक पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। राव ने कहा, ‘कोल इंडिया सक्रिय हो रही है… NMDC पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है। उनके पास ऑस्ट्रेलिया में कुछ सोने की खदानें हैं और वह ऑस्ट्रेलिया में लिथियम खदानों पर भी गौर कर रही है।’
तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और अन्य दुर्लभ मिनरल्स तेजी से बढ़ रही क्लीन ग्रीन टेक्नोलॉजी में काफी अहम हैं। विंड टर्बाइन से लेकर इलेक्ट्रिक व्हीकल से जुड़े नेटवर्क में इन मिनरल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है।