Defence Stocks: डिफेंस कंपनियों के शेयरों में हालिया तेज गिरावट के बावजूद, ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन (JP Morgan) का मानना है कि यह सेक्टर अब निवेश के लिए आकर्षक हो गया है। ब्रोकरेज ने डिफेंस कंपनियों की स्ट्रक्चलर ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा जताते हुए कहा कि भारत सरकार लंबी अवधि की रणनीति के साथ डिफेंस सेक्टर में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है। साथ ही उसका डिफेंस कैपेक्स पर भी फोकस बना हुआ है। ऐसे में इसे बजट या भू-राजनीतिक चिंताओं के चलते कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।
जेपी मॉर्गन की यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कई डिफेंस शेयर अपने ऑलटाइम हाई से करीब आधा से अधिक टूट गए हैं। ब्रोकरेज ने कहा कि इस गिरावट ने अब वैल्यूएशन के लिहाज से डिफेंस शेयरों को अधिक आकर्षक बना दिया है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा, “हम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर अपना ओवरवेट रुख बनाए हुए हैं, जिसमें BEL हमारी पसंदीदा पसंद है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों से घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री को फायदा होने की उम्मीद है।”
इससे पहले चॉइस ब्रोकिंग ने हाल में एक रिपोर्ट में बताया कि दिसंबर तिमाही के दौरा्न सरकारी डिफेंस कंपनियों ने प्राइवेट कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। ब्रोकरेज के मुताबिक, डिफेंस PSUs के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 25.3 प्रतिशत की मजबूत ग्रोथ दर्ज की गई, जबकि EBITDA मार्जिन 0.40 बेसिस अंकों से बढ़कर 32.4 प्रतिशत हो गया। सप्लाई चेन में रुकावट पैदा करने वाले ग्लोबल संघर्षों के बावजूद शुद्ध मुनाफे में भी 28.7 प्रतिशत की ग्रोथ हुई।
किन कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट?
डिफेंस सेक्टर की कई कंपनियों के शेयर अपने अब तक के उच्चतम स्तर से 40-57% तक गिर चुके हैं।
डेटा पैटर्न्स इंडिया – 57% गिरावट
कोचीन शिपयार्ड – 55% गिरावट
पारस डिफेंस – 43.8% गिरावट
भारत डायनेमिक्स – 43.7% गिरावट
एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स – 42% गिरावट
आगे क्या रहेगा ट्रेंड?
एलारा कैपिटल के एनालिस्ट्स का मानना है कि मार्च तिमाही से डिफेंस कंपनियों के ऑर्डर फ्लो में तेजी आएगी क्योंकि सरकार अपने डिफेंस कैपिटल एक्सपेंडिचर लक्ष्य को पूरा करने के लिए अधिक ऑर्डर जारी कर सकती है। घरेलू रक्षा कंपनियों को बजट का 75% आवंटन मिला है। ब्रोकरेज ने आगे बताया कि घरेलू कंपनियों को आवंटन फिलहाल कुल डिफेंस कैपेक्स का करब 75 प्रतिशत है। इस बीच, वित्त वर्ष 2025 के बजट अनुमानों में भारतीय नौसेना के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसे में भारत का डिफेंस सेक्टर लंबी अवधि के लिए मजबूत स्थिति में है।
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