Uncategorized

Defence Stocks: 63% तक रिटर्न के लिए खरीदे लें ये दमदार स्टॉक्स, कमजोर बाजार में आई ब्रोकरेज की मजबूत रिपोर्ट; Q3 बना बड़ा ट्रिगर

च्वाइस ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सरकारी डिफेंस कंपनियों के रेवेन्यू में 25.3 फीसदी सालाना ग्रोथ (YoY) दर्ज की गई, जबकि EBITDA मार्जिन 140 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 32.4 फीसदी हो गया। वहीं, नेट प्रॉफिट (PAT) में 28.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि 56.3bps के हल्के सुधार के साथ प्रॉफिट मार्जिन में मजबूती देखी गई। इज़राइल और रूस में जारी संघर्षों के चलते सप्लाई चेन में आई रुकावटों के बावजूद यह ग्रोथ आई।

प्राइवेट सेक्टर की डिफेंस कंपनियों की बात करें, तो इनको एग्जीक्यूशन में देरी और सप्लाई चेन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे इनकी रेवेन्यू ग्रोथ सालाना आधार (YoY) पर 7.5 फीसदी और तिमाही आधार (QoQ) पर 7.4 फीसदी रही। कामकाजी मुनाफा (EBITDA) में सालाना आधार पर 3.1 फीसदी और तिमाही आधार पर 35 फीसदी बढ़ोतरी रही। हालांकि, EBITDA मार्जिन में सालाना आधार पर 88.7bps की गिरावट आई, लेकिन तिमाही आधार पर 423.7bps का सुधार देखने को मिली।

Defence Stocks: 63% तक रिटर्न की उम्मीद

Astra Microwave Product
रेटिंग: BUY
टारगेट: ₹980
CMP: ₹610
अनुमानित अपसाइड: 61%

Apollo Micro Systems
रेटिंग: BUY
टारगेट: ₹156
CMP: ₹116
अनुमानित अपसाइड: 34%

Azad Engineering
रेटिंग: BUY
टारगेट: ₹2150
CMP: ₹1319
अनुमानित अपसाइड: 63%

Bharat Dynamics
रेटिंग: Hold
टारगेट: ₹1190
CMP: ₹1011
अनुमानित अपसाइड: 18%

Bharat Electronics
रेटिंग: Buy
टारगेट: ₹370
CMP: ₹256
अनुमानित अपसाइड: 44%

DCX Systems
रेटिंग: Hold
टारगेट: ₹317
CMP: ₹258
अनुमानित अपसाइड: 23%

Data Patterns India
रेटिंग: Buy
टारगेट: ₹2450
CMP: ₹1630
अनुमानित अपसाइड: 50%

Hindustan Aeronautics
रेटिंग: Buy
टारगेट: ₹5000
CMP: ₹3348
अनुमानित अपसाइड: 49%

(CMP: 24 फरवरी 2025)

PM मोदी की US यात्रा से बढ़ेगी डिफेंस क्षमता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान एडवांस डिफेंस सिस्टम की संभावित डील बातचीत का एक प्रमुख हिस्सा रही। इसमें F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स जैसे एडवांस डिफेंस इ​क्विपमेंट्स पर वार्ता शामिल थी। इसका मकसद भारत की डिफेंस क्षमताओं को बढ़ाना और दोनों सेनाओं के बीच समन्वय मजबूत करना है।

दरअसल, ऐसे हाईएंड डिफेंस डील में व्यापक मूल्यांकन और स्ट्रैटेजिक समायोजन की जरूरत होती है, इसलिए F-35 डील को लंबी प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। हाल-फिलहाल भारत और अमेरिका की ओर से Javelin एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और Stryker इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल के ज्वाइंट प्रोडक्शन की संभावना जताई जा रही है। यह दोनों देशों के बीच ज्वाइंट रिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है।

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत से निपटने पर जोर

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच अहम डिफेंस डील्स पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, क्योंकि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए मजबूत रक्षा सहयोग जरूरी होगा।

वित्त वर्ष 2024 (FY24) में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट ₹21,080 करोड़ तक पहुंच गया, और FY29 तक इसे ₹50,000 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। अमेरिका भारतीय डिफेंस प्रोडक्ट्स के शीर्ष टॉप एक्सपोर्ट डे​स्टिनेशंस में शामिल है। खासकर Boeing और Lockheed Martin जैसे प्रमुख अमेरिकी डिफेंस मैन्यूफैक्चरर्स को सब-सिस्टम और कम्पोनेंट्स की सप्लाई की जाती है। ये कंपनियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देती हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और भारत की आर्थिक निर्भरता को देखते हुए, ट्रंप प्रशासन (Trump 2.0) की ओर से भारतीय डिफेंस वेंडर्स पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने की संभावना कम है। भू-राजनीतिक (Geo-political) और भू-आर्थिक (Geo-economic) हितों को ध्यान में रखते हुए, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड और रणनीतिक सहयोग पर कम से कम नकारात्मक असर पड़ने की उम्मीद है।

Defence Stocks: ब्रोकरेज का क्या है आउटलुक

च्वाइस ब्रोकिंग का कहना है कि डिफेंस सेक्टर में बड़े विस्तार की संभावना है। आत्मनिर्भर भारत पहल ने इस सेक्टर को नई रफ्तार दी है। डिफेंस सेक्टर अब केवल स्ट्रैटेजिक महत्व तक सीमित न रहकर भारत के आर्थिक विकास का प्रमुख ड्राइवर बनने की ओर बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत पहल ने देश में स्वदेशी रक्षा उपकरणों की खरीद को बढ़ावा देकर विदेशी OEMs (ओरिजिनल इ​क्विमेंट मैन्यूफैक्चरर) पर निर्भरता कम करने में अहम रोल निभाया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले 5-10 वर्षों में सरकार की ओर से ​डिफेंस PSUs और प्राइवेट कंपनियों को दिए गए सपोर्ट के दम पर डिफेंस इंडस्ट्री को आत्मनिर्भर और सस्टेनेबल बनेगा।

यूएस के नए प्रोसिडेंट डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान, GE के F404-IN20 वेरिएंट इंजन की डिलीवरी को प्राथमिकता मिलने की संभावना है, जो फिलहाल एक साल से ज्यादा देरी में है। इस देरी ने HAL की ग्रोथ प्राभावित हुई है। जिससे मार्केट आउटलुक में बदलाव हुआ है। बहरहाल, एक बार GE इंजन की समस्या हल हो जाने के बाद भारतीय डिफेंस कंपनियों की ऑर्डर बुक में दमदार एक्सपेंशन होगा और लॉन्ग टर्म ग्रोथ का बूस्ट मिलेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर डिफेंस कंपनियों के पास मजबूत ऑर्डर बैकलॉग है, लेकिन एग्जीक्यूशन से जुड़ी चुनौतियां बनी हुई हैं। बाजार में बढ़ी हुई वैल्यूएशन (Premium Valuation) और हाई मल्टीपल्स भी चैलेंज हैं। हालांकि, हालिया मार्केट करेक्शन में निवेशकों को कुछ राहत मिली है। अगर कमर्शियल डिफेंस कंपनियों की आय या ऑर्डर इनफ्लो उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते, तो इन्हें आगे और डाउनग्रेड का सामना करना पड़ सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर्स से परामर्श कर लें।)

Source link

जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top