पिछले कुछ महीनों से भारतीय बाजारों में जारी गिरावट के बीच सूचीबद्ध शेयर ब्रोकरों के शेयरों में भी 70 प्रतिशत तक की कमजोरी आई है। जहां निफ्टी-50 सूचकांक में 18 सितंबर 2024 से 9 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं कई सूचीबद्ध ब्रोकरों के शेयरों में भी बड़ी कमजोरी दर्ज की गई है। एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें ट्रूकैप फाइनैंस, जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज, 5पैसा कैपिटल, प्राइम सिक्योरिटीज, एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज और अरिहंत कैपिटल मार्केट्स ने इस दौरान 30 फीसदी से 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक ए के प्रभाकर ने कहा कि स्टॉक ब्रोकरों और परिसंपत्ति प्रबंधकों की किस्मत सीधे प्राइमरी और सेकंडरी बाजारों से जुड़ी होती है। खराब बाजार में, नकदी के साथ ही वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) के कारोबार में गिरावट आती है। उन्होंने कहा कि मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (एमटीएफ) के कारण डिफॉल्ट भी हो सकते हैं, जिसे पाट पाना मुश्किल हो सकता है।
एमटीएफ सुविधा में निवेशकों को उनके द्वारा खरीदे गए शेयरों के कुल मूल्य का केवल एक हिस्सा देकर शेयर खरीदने का मौका मिलता है। इस बीच, ब्रोकर लेनदेन की बाकी राशि देता है। लेकिन शेयर खरीदार को इस राशि पर ब्रोकर को ब्याज देना होता है।
प्रभाकर का कहना है, ‘खराब बाजार में आईपीओ गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं और मर्चेंट बैंकरों को शुल्क संग्रह में कम रकम हाथ लगती है। बाजार में तरलता खत्म हो रही है। इससे बाजार बुरी तरह प्रभावित होगा। ऊंचे स्तर से गिरावट लगभग 9 – 10 प्रतिशत रही है। आने वाले दिनों में गिरावट और बढ़ सकती है। बिकवाली वाले शेयरों में सबसे पहले ब्रोकरों के शेयर होंगे। उसके बाद एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) और उसके बाद वेल्थ मैनेजमेंट कंपनियों के शेयरों में बिकवाली आएगी।’
चुनौतियां बढ़ने की आशंका
आंकड़ों से पता चलता है कि स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों में दबाव ज्यादा है। एसीई इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार निफ्टी स्मॉलकैप 250 और निफ्टी माइक्रोकैप 250 सूचकांक इस दौरान 22 फीसदी और 20 फीसदी नीचे आए हैं। निफ्टी 500 सूचकांक भी करीब 14 फीसदी टूटा है।
दूसरी ओर एमके ग्लोबल, च्वाइस इंटरनैशनल, आदित्य बिड़ला मनी और धनी सर्विसेज जैसे कुछ ही सूचीबद्ध ब्रोकरेज शेयर 27 प्रतिशत तक की बढ़त के साथ टिके रहने में सफल रहे हैं। जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि कुल मिलाकर बाजार का ढांचा तेजड़ियों का मददगार है। हालांकि उनका मानना है कि विदेशी निवेशक अपनी बिकवाली जारी रख सकते हैं क्योंकि खबरें सकारात्मक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार मजबूत बना हुआ है और अधिक पूंजी प्रवाह आकर्षित कर सकता है।
जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।