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Income tax: इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में से किसमें है ज्यादा फायदा?

वह समय आ गया है, जब तय करना होगा कि इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम में आप किसका इस्तेमाल करेंगे। नया वित्त वर्ष शुरू होने में कुछ हफ्ते बचे हैं। 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो जाएगा। अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करने जा रहे हैं तो आपको टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट करना होगा। अगर आप नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले हैं तो आपको टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बात ध्यान में रखना होगा कि अब इनकम टैक्स की नई रीजीम डिफॉल्ट रीजीम हो गई है। इसका मतलब है कि जब तक कोई इंडिविजुअल टैक्सपेयर पुरानी रीजीम को सेलेक्ट नहीं करता है उसके टैक्स का कैलकुलेशन नई रीजीम के हिसाब से होगा।

क्या आप हर साल रीजीम चेंज कर सकते हैं?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सैलरीड टैक्सपेयर्स को ज्यादा सुविधा दी है। अगर आपकी इनकम सिर्फ सैलरी, इंटरेस्ट और किराए से आती है तो आप हर साल टैक्स रीजीम (Income Tax Regime) में बदलाव कर सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपने इस वित्त वर्ष में पुरानी रीजीम का इस्तेमाल किया है तो आप अगले वित्त वर्ष में नए रीजीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। बिजनेस करने वाले लोगों और प्रोफेशनल्स को यह सुविधा हासिल नहीं है। अगर वे नई टैक्स रीजीम को सेलेक्ट करते हैं तो उनके पास अगले वित्त वर्ष में फिर से पुरानी रीजीम में लौटने का विकल्प नहीं होगा।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन क्या है?

इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, अगर कोई टैक्सपेयर ओल्ड रीजीम को सेलेक्ट करता है तो उसे फॉर्म 10-IEA इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले सब्मिट करना होगा। लेकिन, सैलरीड इंडिविजुअल्स और ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी बिजनेस इनकम नही है वे हर साल रीजीम में बदलाव कर सकते हैं। इस वित्त वर्ष का इनकम टैक्स रिटर्न आपको 31 जुलाई, 2025 तक फाइल करना होगा। अगर आप किसी वजह से इस डेडलाइन तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो आप 31 दिसंबर, 2025 तक रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको लेट फीस देनी होगी।?

आपके लिए कौन सी रीजीम फायदेमंद है?

इनकम टैक्स की रीजीम स्विच करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि आपके लिए कौन सी रीजीम ज्यादा फायदेमंद है। अगर आपने होम लोन लिया है और टैक्स-सेविंग्स करते हैं तो आपके लिए ओल्ड रीजीम फायदेमंद हो सकती है। लेकिन, अगर आपने होम लोन नहीं लिया है और टैक्स-सेविंग्स इनवेस्टमेंट नहीं करते हैं तो आपको लिए इनकम टैक्स की नई रीजीम फायदेमंद है। नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शन नहीं मिलता है, लेकिन टैक्स के रेट्स कम हैं।

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