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Zomato पर ₹1.64 करोड़ का पेमेंट न करने का आरोप, यूनिफॉर्म सप्लायर ने दायर की दिवालियापन याचिका

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो दिवालियापन याचिका का सामना कर रही है। यह याचिका यूनिफॉर्म सप्लायर नोना लाइफस्टाइल ने डाली है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिका में दावा किया गया है कि जोमैटो 1.64 करोड़ रुपये के बकाए का भुगतान करने में नाकाम रही है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने मामले को 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है। ट्राइब्यूनल ने पिटीशनर से अपने अगले कदम को स्पष्ट करने को कहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, B2B अपैरल मैन्युफैक्चरर नोना लाइफस्टाइल ने NCLT से जोमैटो के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) शुरू करने की मांग की है। नोना लाइफस्टाइल का कहना है कि जोमैटो ने ICC वर्ल्ड कप 2023 के लिए मर्चेंडाइज सहित इसके डिलीवरी पार्टनर्स को सप्लाई की गई यूनिफॉर्म्स और अन्य अपैरल्स के लिए पेमेंट नहीं किया है।

क्या है पूरा मामला

नोना लाइफस्टाइल के अनुसार, जोमैटो ने 2023 में राइडर यूनिफॉर्म, ट्राउजर और वर्ल्ड कप जर्सी के लिए कई ऑर्डर दिए। सप्लायर ने दावा किया है कि उसने ऑर्डर की गई चीजों के एक हिस्से की मैन्युफैक्चरिंग और डिलीवरी करके कॉन्ट्रैक्ट के अपने दायित्वों को पूरा किया है। नोना लाइफस्टाइल ने आरोप लगाया है कि जोमैटो ने भुगतान में देरी की, स्टोरेज इश्यूज का हवाला देते हुए डिलीवरी एक्सेप्ट करने से इनकार कर दिया, और यहां तक ​​कि कंपनी पर छूट देने के लिए दबाव बनाने के लिए धमकियां और चेतावनियां दीं।

इसके अलावा, नोना लाइफस्टाइल ने तर्क दिया कि जोमैटो ने फेल्ड कैंपेन का हवाला देते हुए बाकी बची हुई वर्ल्ड कप जर्सी की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया, जबकि जर्सी कस्टम-मेड थीं और उनका कोई दूसरा इस्तेमाल नहीं हो सकता था।

Zomato ने दावों का खंडन किया

जोमैटो ने इन आरोपों का खंडन किया है। कंपनी का कहना है कि नोना लाइफस्टाइल लगातार डिलीवरी टाइमलाइंस को पूरा करने में नाकाम रही, जिसके कारण कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार जुर्माना लगाया गया। जोमैटो ने दावा किया कि देरी के कारण उसकी रेपुटेशन और गुडविल को काफी नुकसान हुआ। इसलिए कंपनी ने जुर्माना काटने और पहले से दिए जा चुके एडवांस अमाउंट को एडजस्ट करने के बाद केवल उन जर्सी के लिए भुगतान किया जो डिलीवर की गई थीं।

दिवालियापन याचिका पर शुरू में अक्टूबर 2024 में सुनवाई हुई थी, लेकिन नवंबर में नॉन-प्रोसीक्यूशन के कारण इसे खारिज कर दिया गया। बाद में नोना लाइफस्टाइल ने इसे बहाल करने के लिए याचिका दायर की।

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