बीते एक हफ्ते में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में तेज उछाल आया है। इसकी वजह अमेरिका में टैरिफ का मसला है। इसके अलावा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के मॉनेटरी पॉलिसी को नरम बनाने के आसार हैं। इसका असर भी गोल्ड और सिल्वर पर पड़ा है। एक हफ्ते में स्पॉट मार्केट में चांदी करीब 4 फीसदी उछली है। अनुमान है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से अमेरिका में इनफ्लेशन बढ़ेगा और दुनिया में अनिश्चितता बढ़ेगी। इससे चांदी में तेजी जारी रहेगी।
चांदी में तेजी जारी रहने के आसार
चांदी (Silver) रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने के बाद भी ठंडी पड़ने वाली नहीं है। अनमोल ज्वैलर्स के एमडी किशोर रनवाल ने कहा कि ट्रंप की पॉलिसी से सोने और चांदी में तेजी देखने को मिल रही है। इंटरेस्ट रेट्स में नरमी और स्टॉक मार्केट में उतारचढ़ाव से भी दोनों मेटल की चमक बढ़ रही है। हालांकि, कीमतों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच जाने के बाद फिलहाल ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं दिख रही है।
1.08 लाख पर मिलेगा रेसिस्टेंस
उन्होंने कहा, “अगर चांदी की कीमतें अगले 4-5 दिनों तक 1,03,000 रुपये के लेवल पर बनी रहती है तो हमें चांदी में नई तेजी दिख सकती है। हालांकि, हाजिर बाजार में चांदी को करीब 1,08,000 रुपये पर रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है।” कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में 17 मार्च को चांदी में हल्की नरमी दिखी। हालांकि, यह 1,00,729 रुपये के लेवल से ऊपर बनी रही। हाल में कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी के चेनवाला ने कहा था कि चांदी में 31.5 से 34 डॉलर प्रति औंस के बीच कारोबार होने की उम्मीद है। इस लेवल को तोड़ने के बाद यह 38 डॉलर प्रति औंस यानी 1,15,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकती है।
क्या आपको निवेश करना चाहिए?
ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग के कुणाल शाह ने कहा कि चांदी अकेली ऐसी कमोडिटी है, जिसमें पिछले तीन सालों में 8 फीसदी नरमी आई है। अब स्क्रैप सिल्वर की सप्लाई इंडिया और चीन में घट रही है। इससे चांदी की कीमतों में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। अगले 3-4 महीनों में चांदी यहां से 15-20 फीसदी तक चढ़ सकती है। शाह ने कहा कि कीमती मेटल्स में चांदी उनकी पहली पसंद है। अभी निवेश करने पर चांदी में अच्छी कमाई हो सकती है।
