यह फाइनेंशियल ईयर 31 मार्च को खत्म होने जा रहा है। 31 मार्च की तारीख बहुत अहम है। इसकी वजह यह है कि इस तारीख से पहले टैक्सपेयर्स को कई काम पूरे करने होंगे। नहीं पूरा करने पर आगे दिक्कत हो सकती है। आइए जानते हैं उन कामों के बारे में जिनकी डेडलाइन 31 मार्च है।
1. एडवान्स टैक्स का पेमेंट
अगर आपकी टैक्स लायबिलिटी फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 10,000 रुपये से ज्यादा है तो आपको एडवान्स टैक्स की अंतिम किस्त का पेमेंट 15 मार्च, 2025 तक करना होगा। अगर आप पेमेंट करने से चूक जाते हैं तो आपको सेक्शन 234सी के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इंटरेस्ट चुकाना होगा। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को टैक्स लायबिलिटी का कम से कम 90 फीसदी पेमेंट 31 मार्च, 2025 से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को करना होगा। ऐसा नहीं करने पर आपको सेक्शन 234बी के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अतिरिक्त इंटरेस्ट का पेमेंट करना होगा।
2. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए टैक्स-सेविंग्स
अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप इनकम टैक्स एक्ट के चैप्टर VIA के तहत टैक्स-सेविंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ खास पेमेंट या इनवेस्टमेंट करना होगा:
(I) सेक्शन 80सी: अगर आप सेक्शन 80सी के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश करते हैं तो 1.50 लाख रुपये तक का डिडक्शन आप क्लेम कर सकते हैं। 80सी के तहत ELSS, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, ULIP, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, NSC, टैक्स सेविंग्स FD आदि आते हैं।
(II) सेक्शन 80CCD(1B): एनपीएस में निवेश करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अतिरिक्त 50,000 रुपये डिडक्शन की इजाजत देता है। यह सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले डिडक्शन के अतिरिक्त है।
(III) सेक्शन 80D: हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल इमर्जेंसी की स्थिति में अचानक बड़े आर्थिक झटके से बचाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मेडीक्लेम पर मैक्सिमम 1,00,000 रुपये के बेनेफिट की इजाजत देता है। इसकी लिमिट इस तरह है:
खुद, पति/पत्नी और डिपेंडेंट चिल्ड्रेन (60 साल से कम उम्र के) : 25,000 रुपये
खुद, पति/पत्नी और डिपेंडेंट चिल्ड्रेन (60 साल से ज्यादा उम्र के) : 50,000 रुपये
मातापिता में से कोई एक या दोनों (60 साल से कम उम्र): 25,000 रुपये
मातापिता में से कोई एक या दोनों (60 साल से ज्यादा उम्र): 50,000 रुपये
उपर्युक्त लिमिट के अलावा आप हेल्थ चेकअप पर 5,000 रुपये पेमेंट पर भी डिडक्शन का दावा कर सकते हैं।
3. फॉर्म 12बी सब्मिट करना
अगर आप एक सैलरीड एंप्लॉयी है और आपने जॉब बदली है तो करेंट एंप्लॉयर के टीडीएस के सही कैलकुलेशन के लिए आपको अपने पुराने एंप्लॉयर से इनकम की डिटेल फॉर्म 12बी में सब्मिट करना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो वह एक्चुअल से कम टीडीएस डिडक्ट कर सकता है। टैक्स डिडक्शन में इस कमी की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
4. पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि में मिनिमम डिपॉजिट
अगर आपने पीपीएफ अकाउंट और सुकन्या समृद्धि योजना ओपन किया है तो हर फाइनेंशियल ईयर में दोनों में मिनिमम डिपॉजिट करना जरूरी है। पीपीएफ में आपको मिनिमम डिपॉजिट 500 करना होगा। सुकन्या समृद्धि योजना में मिनिमम डिपॉजिट 250 रुपये है। अगर आप मिनिमम अमाउंट जमा नहीं करते हैं तो आपका अकाउंट इनऑपरेटिव हो सकती है।
5. फाइनेंशियल ईयर 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 के लिए ITR U
अगर आप फाइनेंशियल ईयर 2020-21 से 2023-24 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना भूल गए हैं या आपको किसी ऐसी गलती का पता चला है जिससे आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा और आईटीआर को रिवाइज करना चाहते हैं तो आपके पास फॉर्म ITR U में अपडेटेड रिटर्न फाइल करने का विकल्प है। इसके जरिए आप 31 मार्च, 2025 तक अतिरिक्त इनकम पर टैक्स चुका सकते हैं। बजट 2025 में इनकम टैक्स फाइल करने की टाइमलाइन बढ़ाकर चार साल कर दी गई है, जो पहले 2 साल थी।
6. सेक्शन-43B(h)-बिजनेस एंटरप्राइजेज की तरफ से माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को पेमेंट
फाइनेंस एक्ट 2023 में सेक्शन 43बी(एच) की शुरुआत हुई। इस प्रावधान के तहत अगर माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को कोई पेमेंट बकाया है तो लिखित एग्रीमेंट नहीं होने पर इसका पेमेंट 15 दिन और लिखित एग्रीमेंट होने पर 45 दिन में करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर FY2024-25 के दौरान बिजनेस एक्सपेंडिचर अलाउन्स की इजाजत नहीं मिलेगी। बिजनेस ओनर्स को माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को अपने पेमेंट को रिकंसाइल करना होगा और संभावित नुकसान से बचने के लिए समय पर पेमेंट करना होगा। अगर आप मैन्युफैक्चरर या सर्विस प्रोवाइडर हैं तो आप एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इससे आप इस सेक्शन के तहत अपने कस्टमर्स से समय पर पेमेंट का फायदा उठा सकते हैं।
अगर ऊपर बताए गए किसी काम को आप पूरा नहीं कर पाए हैं तो आपको 31 मार्च तक पूरा करना होगा।
7. टैक्स लॉस हार्वेस्टिंग
अगर आपको फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में अच्छा गेंस हुआ है तो आप कुछ टैक्स सेविंग्स कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने ऐसे कुछ स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स बेचने पड़ेंगे जिस पर आपको कुछ लॉस हो रहा होगा। फिर आप इस लॉस को अपने गेंस के साथ एडजस्ट कर सकते हैं। इससे आपकी फाइनल टैक्स लायबिलिटी कम हो जाएगी। शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस दोनों के साथ सेट-ऑफ किया जा सकता है। लेकिन, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस को सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के साथ एडजस्ट किया जा सकता है।
