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शेयर बाजार छोड़कर भाग रहे निवेशक? फरवरी में रिकॉर्ड 122% पहुंचा SIP बंद होने का रेशियो

क्या निवेशक अब शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं? क्या SIP निवेशकों का भरोसा टूट रहा है? आंकड़े तो कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं! फरवरी में SIP स्टॉपेज रेशियो 122% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो दिखाता है कि जितने नए SIP शुरू हो रहे हैं, उससे ज्यादा लोग अपनी SIP बंद कर रहे हैं या उन्हें जारी नहीं रख पा रहे। जनवरी में यही आंकड़ा 109% था, जबकि दिसंबर में 83% के करीब था। यानी, हर महीने SIP बंद करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। फरवरी में एक्टिव SIP खातों की संख्या 44.56 लाख थी, जबकि बंद खातों की संख्या बढ़कर 54.70 लाख हो गई।

SIP बंद होने का रेशियो बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। शेयर बाजार पिछले छह महीनों से दबाव में है। निफ्टी 50 में 11% और सेंसेक्स में 10% की गिरावट दर्ज की गई है। निवेशक घबरा रहे हैं और मार्केट की अनिश्चितता के कारण अपनी SIP रोक रहे हैं। फरवरी में SIP के जरिए कुल ₹25,999 करोड़ का निवेश हुआ, जो जनवरी में ₹26,400 करोड़ था।

UPInvest के फाउंडर, प्रवीन कुलकर्णी का कहना है कि SIP बंद करने वालों में ज्यादातर वे निवेशक हैं जो डायरेक्ट SIP के जरिए निवेश कर रहे थे। उनके पास कोई गाइड करने वाला नहीं था, इसलिए वे घबराकर अपने निवेश रोक रहे हैं। लेकिन जैसे ही बाजार में सुधार आएगा, SIP दोबारा शुरू हो सकती हैं।

 

वहीं AMFI के CEO वेंकट चलसानी के मुताबिक, SIP बंद होने की यह संख्या पूरी तरह से फरवरी की नहीं है। इसमें जनवरी में लंबित रहे कुछ एडजस्टमेंट भी शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ अकाउंट SEBI के नियमों के तहत बंद किए गए थे, जिनका रिकॉर्ड अब अपडेट हुआ है।

हालांकि, कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स इसे निवेशकों के शेयर बाजार से जाने से जोड़कर नहीं देखते हैं। अमोल जोशी, जो PlanRupee Investment Services के फाउंडर हैं, कहते हैं कि निवेशक बाजार से भाग नहीं रहे, बल्कि अपने पोर्टफोलियो को री-अलाइन कर रहे हैं। जो पहले मिड और स्मॉल-कैप फंड्स में निवेश कर रहे थे, वे अब फ्लेक्सी-कैप और लार्ज-कैप फंड्स में शिफ्ट हो रहे हैं। वहीं, कुछ निवेशक मल्टी-कैप से बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स में जा रहे हैं।

तकनीक का बड़ा रोल

जोशी यह भी बताते हैं कि SIP बंद होने का एक कारण यह भी है कि आजकल SIP को रोकना और फिर से शुरू करना बहुत आसान हो गया है। पहले SIP शुरू करने में 15 दिन से 1 महीना लगता था, लेकिन अब यह बस एक क्लिक में हो जाता है। इससे निवेशक अपने निवेश को ज्यादा आसानी से एडजस्ट कर पा रहे हैं।

फरवरी में ₹29,000 करोड़ का आया निवेश

भले ही SIP स्टॉपेज रेशियो बढ़ा हो, लेकिन अभी तक बड़े पैमाने पर निवेशकों के बाहर निकलने का संकेत नहीं दिख रहा। कुल मिलाकर, फरवरी में ₹29,000 करोड़ की इक्विटी नेट इनफ्लो दर्ज हुई, जो संकेत देता है कि निवेशक पूरी तरह से बाजार नहीं छोड़ रहे, बल्कि अपने पोर्टफोलियो को दोबारा संतुलित कर रहे हैं।

जोशी कहते हैं, “अगर कोई 2030 के लिए फाइनेंशियल गोल सेट करके SIP कर रहा है, तो वह थोड़ी मार्केट वोलाटिलिटी के कारण इसे नहीं छोड़ेगा। यह एक अस्थायी गिरावट है, न कि निवेशकों का पलायन!”

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