13 मार्च 2025 को ONGC, Oil India और Reliance Industries (RIL) के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली। इन शेयरों में 2.5% तक की बढ़त दर्ज की गई। यह बढ़त सरकार द्वारा पास किए गए Oilfield Amendment Bill, 2024 के कारण आई। इस बिल के पारित होने के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा और इन तेल-गैस कंपनियों के शेयर चढ़ गए। सुबह 9:56 बजे तक ONGC के शेयर 1.8%, Oil India के 1.7% और RIL के 0.53% ऊपर कारोबार कर रहे थे। वहीं, BSE Sensex भी हल्की बढ़त के साथ 74,125.6 पर था। ONGC ने Nifty 50 के टॉप गेनर्स में जगह बनाई, जबकि RIL Sensex के प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में शामिल रहा।
सरकार के नए बिल से तेल और गैस कंपनियों को फायदा
सरकार ने Oilfield Amendment Bill, 2024 पास किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में तेल और गैस के खोज और उत्पादन (E&P) को बढ़ावा देना है। यह नया कानून पुराने नियमों को अपडेट करता है और पेट्रोलियम क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के लिए कई प्रक्रियाओं को आसान बनाता है। नए बिल के तहत, तेल और गैस के काम को खनन (माइनिंग) से अलग कर दिया गया है, जिससे उद्योग में स्पष्टता आएगी। इसके अलावा, पेट्रोलियम लीज़ देने और उसके नवीनीकरण के नियमों को भी स्पष्ट किया गया है।
नए कानून से कारोबार को होगी आसानी
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह नया कानून “Ease of Doing Business” यानी व्यापार को आसान बनाने में मदद करेगा और भारत को तेल और गैस उत्पादन के लिए एक आकर्षक बाजार बनाएगा। यह भारत के संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद करेगा और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा। पुरी के अनुसार, भारत अभी भी परंपरागत ऊर्जा स्रोतों (Conventional Energy) पर निर्भर है, इसलिए तेल और गैस के उत्पादन को बढ़ाने के लिए और अधिक खोज और निवेश की जरूरत है। यह नया कानून इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
1948 के पुराने कानून की जगह लेगा नया बिल
यह संशोधित कानून 1948 के पुराने कानून को हटाकर लागू किया जाएगा, जिसे पिछली बार 1969 में बदला गया था। नए बिल में “पेट्रोलियम लीज़” की अवधारणा को शामिल किया गया है, जिससे यह कानूनी रूप से “खनन लीज़” से अलग होगा। साथ ही, इसमें “तेल” शब्द की जगह “मिनरल ऑयल्स” जोड़ा गया है, जिससे ज्यादा प्रकार के हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbons) भी इस कानून के दायरे में आएंगे।
इसके अलावा, सरकार ने इस कानून में विवाद समाधान के लिए भी एक नई प्रणाली जोड़ी है। अब तेल-गैस क्षेत्र में किसी भी तरह के विवाद होने पर सरकार “वैकल्पिक विवाद समाधान” (Alternative Dispute Resolution) की सुविधा देगी, जिससे विवादों को भारत या विदेश में भी सुलझाया जा सकेगा। इससे कंपनियों के लिए काम करना आसान होगा और निवेश बढ़ेगा।
तेल और गैस क्षेत्र में आगे क्या?
इस कानून के पारित होने के बाद, तेल और गैस कंपनियों के शेयरों में और मजबूती आ सकती है। सरकार के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि भारत में तेल और गैस उत्पादन में तेजी आएगी और विदेशी निवेश भी बढ़ेगा। निवेशक अब इस सेक्टर की कंपनियों पर नजर बनाए रख सकते हैं, क्योंकि आगे भी इसमें तेजी देखने को मिल सकती है।
