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शेयर बाजार में गिरावट का क्या है कारण? सेंसेक्स दिन के हाई से 800 अंक टूटा, जानें 3 बड़ी वजहें

Stock Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार 12 मार्च को तेज गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स अपने दिन के उच्चतम स्तर से 793.99 अंक लुढ़ककर 73,598.16 के निचले स्तर तक पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 247.85 अंक गिरकर 22,329.55 के स्तर पर आ गया। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह आईटी शेयरों में भारी बिकवाली रही। इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज़ जैसे दिग्गज स्टॉक्स सेंसेक्स और निफ्टी पर टॉप लूजर्स में शामिल रहे।

शेयर बाजार की गिरावट के पीछे के 3 प्रमुख कारण-

1. ट्रेड वार की आशंका ने बिगाड़ा मूड

ग्लोबल शेयर मार्केट्स इस समय ट्रेड वार से जुड़ी आशंकाओं के चलते बेचैन है। ये बेचैनी तब और बढ़ गई जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा से आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया। उन्होंने पहले इस टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन इस पर दोबारा विचार का संकेत दिया। एनालिस्ट्स का कहना है कि अप्रैल में रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जवाबी टैक्स लागू होने के बाद मार्केट का सेंटीमेंट और कमजोर हो सकता है।

 

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, “ट्रेड पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता के चलते दुनिया भर के शेयर बाजारों पर दबाव देखा जा रहा है। अगर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होते हैं तो स्थिति और खराब हो सकती है। ऐसी स्थिति में बाजार में टिकाऊ रिकवरी की संभावना कम हो जाएगी।”

2. कई अहम आर्थिक आंकड़ों का इंतजार

निवेशक भारत और अमेरिका की इकोनॉमी से जुड़े कई अहम आंकड़ों के आने का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते भी बाजार में सतर्कता का माहौल बना हुआ है। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) मौजूदा वित्त वर्ष में अबतक करीब 4,17,216 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं। मेहता इक्विटीज के प्राशंत ताप्से का कहना है कि इस बिकनाली ने बाजार पर और दबाव बढ़ा दिया है।

3. अमेरिका में मंदी की आशंका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2025 में मंदी आने की संभावना से इनकार नहीं किया है। हाल ही में फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “यह एक बदलाव का दौर है, क्योंकि हम जो कर रहे हैं वह बहुत बड़ा है। हम अमेरिका में धन वापस ला रहे हैं। इसमें थोड़ा समय लगता है।” मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि नीतिगत बदलावों से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है, जिससे ग्लोबल मार्केट्स में अस्थिरता बनी रहेगी।

क्या कहता है टेक्निकल चार्ट?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स के मुताबिक, बाजार में निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि निफ्टी को 22,350 से 22,300 के जोन में मजबूत सपोर्ट मिला है, जिसके बाद हल्की रिकवरी देखने को मिली। लेकिन, जब तक निफ्टी 22,520 से ऊपर स्थिर नहीं होता, तब तक तेजी का पीछा करना जोखिम भरा हो सकता है।

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