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नारायण मूर्ति के परिवार को ₹6,800 करोड़ का झटका, इन्फोसिस में गिरावट का किसने उठाया फायदा?

नई दिल्ली: देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के शेयरों में बुधवार को कारोबार के दौरान 5.5% गिरावट आई। पिछले दो दिनों में शेयर 8% से ज्यादा टूट चुके हैं। इस गिरावट से कंपनी का शेयर ‘बेयर मार्केट’ में पहुंच गया है। यानी इसकी कीमत अपने उच्चतम स्तर से 20% से ज्यादा गिर चुकी है। इस गिरावट से कंपनी के को-फाउंडर नारायण मूर्ति और उनके परिवार की संपत्ति में 6,875 करोड़ रुपये की कमी आई है। बुधवार को इन्फोसिस का शेयर 1,563.80 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया। यह दिसंबर 2024 में बने 2,006.80 रुपये के उच्चतम स्तर से लगभग 22% कम है। बीएसई पर यह 4.28% गिरावट के साथ 1589.60 रुपये पर बंद हुआ।

अमेरिका में आईटी खर्च में कमी और खराब आर्थिक हालात के कारण ब्रोकरेज कंपनियों ने इन्फोसिस के शेयर पर अपनी रेटिंग घटा दी है। यही शेयर गिरने की मुख्य वजह है। मूर्ति परिवार के पास इन्फोसिस में 4.02% हिस्सेदारी है। दिसंबर के मध्य में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य 33,163 करोड़ रुपये था। बुधवार को यह घटकर 26,287 करोड़ रुपये रह गया। इसका मतलब है कि उनकी संपत्ति में 6,875 करोड़ रुपये की कमी आई है।

 

किसकी कितनी हिस्सेदारी

नारायण मूर्ति के पास इन्फोसिस में 0.40% हिस्सेदारी है। शेयर गिरने के बाद उनकी हिस्सेदारी का मूल्य 684 करोड़ रुपये घटकर 3,299.79 करोड़ रुपये रह गया। उनकी पत्नी सुधा मूर्ति के पास 0.92% हिस्सेदारी है। इसका मूल्य 1,573.54 करोड़ रुपये घटकर 7,600.41 करोड़ रुपये रह गया। उनके बेटे रोहन मूर्ति परिवार में सबसे बड़े शेयरधारक हैं। उनके पास 1.62% हिस्सेदारी है। शेयर गिरने से उन्हें 2,771 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब उनकी हिस्सेदारी का मूल्य 13,378.5 करोड़ रुपये है।

नारायण मूर्ति की बेटी और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति के पास 1.04% हिस्सेदारी है। शेयर गिरने से उन्हें 1,779 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अब उनकी हिस्सेदारी का मूल्य 8,591 करोड़ रुपये है। नारायण मूर्ति के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति के पास 0.04% हिस्सेदारी है। शेयर गिरने से उनकी हिस्सेदारी का मूल्य भी कम हुआ है।

आईटी शेयरों पर दबाव

आईटी सेक्टर के दूसरे शेयरों पर भी दबाव देखा गया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 4% गिरकर ‘बेयर मार्केट’ में पहुंच गया। यह अपने उच्चतम स्तर से 21% से ज्यादा नीचे आ गया है। मॉर्गन स्टेनली ने पूरे आईटी सेक्टर पर अपनी रेटिंग घटा दी है। इसके बाद इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई। मॉर्गन स्टेनली ने इन्फोसिस की रेटिंग ‘इक्वल-वेट’ कर दी है। कंपनी ने इन्फोसिस का टारगेट प्राइस 2,150 रुपये से घटाकर 1,740 रुपये कर दिया है। कंपनी का कहना है कि रेवेन्यू ग्रोथ और वैल्यूएशन मल्टीपल्स को लेकर जोखिम है।

इस गिरावट के बावजूद कुछ एनालिस्ट्स अभी भी आशावादी हैं। CLSA ने हाल ही में इन्फोसिस की रेटिंग ‘एक्युमुलेट’ कर दी है। उसने इन्फोसिस का टारगेट प्राइस 1,978 रुपये रखा है। ट्रेंडलाइन के आंकड़ों के अनुसार इन्फोसिस को ट्रैक करने वाले 40 में से 28 विश्लेषकों ने अभी भी ‘बाय’ रेटिंग दी है। हालांकि, अमेरिका में मंदी की आशंका और AI के कारण भारतीय आईटी सेक्टर के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। निवेशक आने वाले हफ्तों में बाजार में उतार-चढ़ाव की उम्मीद कर रहे हैं।

किसने उठाया फायदा

इस बीच इन्फोसिस के एक अन्य को-फाउंडर और पूर्व सीईओ एसडी शिबुलाल की बेटी श्रुति शिबुलाल ने मंगलवार को कंपनी के 494 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। यह सौदा खुले बाजार में हुआ। NSE के आंकड़ों के अनुसार इन्फोसिस की प्रमोटर श्रुति शिबुलाल ने कंपनी के 29,84,057 शेयर खरीदे। हर शेयर की औसत कीमत 1,657 रुपये रही। एसडी शिबुलाल के परिवार के सदस्य गौरव मनचंदा ने इतने ही शेयर उसी कीमत पर बेच दिए। इन्फोसिस 660,118.56 करोड़ रुपये के मार्केट कैप के साथ भारत की छठी बड़ी वैल्यूएबल कंपनी है।

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