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क्‍यों 27% भरभरा गया IndusInd Bank का शेयर? वजह जान लीजिए

नई दिल्‍ली: इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) के शेयरों को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। लगातार पांचवें दिन गिरावट के बाद इंडसइंड बैंक का शेयर NSE पर 27.06% टूटकर 52-सप्ताह के निचले स्तर 656 रुपये पर पहुंच गया। मार्च 2020 के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयर में यह सबसे बड़ी गिरावट है। एक समय 1,576 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच चुके बैंक के शेयर बैंक की मौजूदा स्थिति के कारण अब FY25 के अनुमानित बुक वैल्यू ₹825-850 प्रति शेयर से नीचे ट्रेड कर रहे हैं।

क्या हुई दिक्कत?

मार्च में इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गड़बड़ी मिली, जिसके कारण इसके शेयर की कीमत में 27% की गिरावट आई। ₹1,500 करोड़ के डेरिवेटिव नुकसान की संभावना जताई गई है। फॉरेक्स हेजिंग में गड़बड़ी के कारण पिछली तिमाहियों में मुनाफे को अधिक दिखाया गया। एक इंटरनल रिव्यू में पाया गया कि बैंक ने पिछले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित हेजिंग कॉस्ट को कम करके आंका था। इस खुलासे से बैंक के नेटवर्थ पर 1,600-2,000 करोड़ रुपये का संभावित असर पड़ा।

क्या हैं चिंताएं?

नेट वर्थ पर 2.35% का नकारात्मक असर पड़ने की संभावना जताई गई है। सबसे बड़ा असर इंडसइंड बैंक और उसके निवेशकों पर पड़ा है। यह विसंगतियां पिछले विदेशी मुद्रा लेनदेन से उत्पन्न हुई हैं, जहां बैंक ने हेजिंग लागत को कम करके आंका था। इससे उसके खातों में गलत मूल्यांकन हुआ। यह मुद्दा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो प्रबंधन पर RBI के नए दिशानिर्देशों के कंप्लायंस से जुड़ा है। इंडसइंड बैंक के शेयर में गिरावट के अलावा, भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को भी मामूली झटके लगे। निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.7% की गिरावट आई, जबकि व्यापक निफ्टी 50 में 0.27% की गिरावट आई। यह मुद्दा बैंकिंग शेयरों में निवेशकों के विश्वास को भी प्रभावित कर सकता है, खासकर रिस्क मैनेजमेंट प्रथाओं के संबंध में।

RBI के क्या थे मास्टर निर्देश?

RBI द्वारा डेरिवेटिव पर अपडेट किए गए मास्टर निर्देशों के बाद सितंबर और अक्टूबर 2024 के बीच विसंगतियों की पहचान की गई। बैंक ने 10 मार्च, सोमवार को बोर्ड मीटिंग के बाद अपने एक्सचेंज फाइलिंग में इस मुद्दे का खुलासा किया। इसके अलावा, RBI द्वारा मौजूदा CEO के कार्यकाल को तीन साल के बजाय सिर्फ एक साल बढ़ाने के फ़ैसले के बाद शेयर में सोमवार को भी लगभग 4% की गिरावट आई, जबकि भारत के पांचवें सबसे बड़े प्राइवेट लेंडर ने तीन साल के लिए कार्यकाल बढ़ाने की मांग की थी।

बैंक का क्या है रुख?

बैंक ने एक विस्तृत आंतरिक समीक्षा शुरू की है और अपने निष्कर्षों को मान्य करने के लिए एक बाहरी एजेंसी नियुक्त की है। इसने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि इसकी प्रॉ‌फिटब्लिटी और कैपिटल एडिक्वेसी एकमुश्त प्रभाव को एबजॉर्ब करने के लिए पर्याप्त मजबूत बनी हुई है। नुकसान का हिसाब वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही या वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में लगाया जाएगा।

बैंक को 2,100 करोड़ रुपये का नुकसान

इंडसइंड बैंक ने मंगलवार को एकाउंटिंग मिसटेक के कारण हुए 2,100 करोड़ रुपये के नुकसान के असर को कम करने की भरपूर कोशिश की और कहा कि उसके पास इस झटके से उबरने के लिए पर्याप्त पूंजी है। इंडसइंड बैंक के CEO और MD सुमंत कठपालिया ने कहा कि लेखा चूक के बारे में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के आसपास पता चला, और बैंक ने पिछले सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक को इस बारे में बताया।

निवेशक क्या करें?

विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि कमजोर आंतरिक नियंत्रणों की चिंताओं के कारण स्टॉक को और अधिक गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। MK ग्लोबल ने इंडसइंड बैंक को ‘खरीदें’ से घटाकर ‘Add’ कर दिया है और इसके टार्गेट प्राइस को घटा दिया है। इस बीच, Nuvama ने इंडसइंड बैंक को ‘होल्ड’ से घटाकर ‘कम करें’ कर दिया है और इसके टार्गेट प्राइस को कम कर दिया है। मोतीलाल ओसवाल ने इंडसइंड बैंक को ‘न्यूट्रल’ कर दिया है और संशोधित लक्ष्य मूल्य 925 रुपये कर दिया है, जो पहले के अनुमान से कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंक के बैलेंस शीट पर दबाव है। शेयरों में गिरावट जारी रह सकती है, निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

बाजार स्थिर रुख के साथ बंद

रिटेल महंगाई और अन्य आंकड़े जारी होने से पहले निवेशकों ने बाजार से दूरी बनाए रखने को तरजीह दी और सुस्त कारोबार में दोनों इंडेक्स मंगलवार को को स्थिर बंद हुए थे। सेंसेक्स 12.85 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 74,102.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 451.57 अंक तक लुढ़क कर 73,633.60 अंक तक आ गया था। हालांकि, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 37.60 अंक यानी 0.17 प्रतिशत बढ़कर 22,497.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 61.8 अंक चढ़कर 22,522.10 अंक तक चला गया था। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रेड वॉर के कारण आर्थिक नरमी की चिंताओं के बीच अमेरिका और अन्य एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली के बावजूद, घरेलू बाजार में धीरे-धीरे सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

Sensex दिसंबर तक 105,000 के लेवल पर पहुंचेगा: Morgan Stanley

इस बीच मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) का मानना है कि भारतीय बाजार में तेजी आएगी और बुल-केस में दिसंबर 2025 तक Sensex 105,000 तक पहुंच सकता है। मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि रिस्क-रिवार्ड फेवरेबल हो रहा है और बेस केस में सेंसेक्स दिसंबर 2025 तक 93,000 के लेवल टच कर जाएगा। यह मौजूदा स्तर से करीब 25 पर्सेंट ज्यादा है। बियर केस में सेंसेक्स साल के आखिर तक 70,000 के स्तर तक गिर सकता है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 6 पर्सेंट नीचे है।

मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि वैल्यूएशन कोविड के बाद से सबसे आकर्षक है। कोविड महामारी के बाद से, यह टॉप-डाउन या मैक्रो कारकों के बजाय स्टॉक पिकर्स का बाजार होने की संभावना है। बाजार में सुधार के लिए ग्लोबल फैक्टर्स का असर अहम होगा। इसमें अमेरिकी नीतियां और वैश्विक विकास दर शामिल हैं। ग्लोबल मंदी या मंदी के करीब की स्थिति से अनुमान प्रभावित हो सकता है। इससे भारतीय इक्विटी 2025 में ऊंचे स्तर पर नहीं पहुंच पाएगी। बैंक द्वारा अपने डेरिवेटिव अकाउंटिंग में विसंगतियों का खुलासा करने के बाद यह भारी गिरावट आई और इससे निवेशकों और एनालिस्ट्स में चिंता बढ़ गई। एनालिस्ट्स द्वारा संभावित आय में गिरावट की चेतावनी और कमजोर इंटरनल कंट्रोल के बारे में चिंता जताने के साथ शेयर को हुए भारी नुकसान के क्या है निवेशकों के लिए मायने।

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