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20 दिन पहले तक अमेरिकी शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर था। इकोनॉमी मजबूत दिख रही थी। मंदी का कोई संकेत नहीं था। लेकिन अब हर जगह मंदी की चर्चा है। वजह ये कि अमेरिकी शेयर बाजार (डाउ जोंस, नैस्डैक, एसएंडपी 500) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
डाउ जोंस सोमवार को 2.08% व मंगलवार को 1.06% गिरा। नैस्डैक में 10 मार्च को 4% और 11 मार्च को 0.51% की कमी आई। इसी तरह एसएंडपी 500 में सोमवार को 2.7% और मंगलवार को 0.73% का नुकसान हुआ।
सोमवार को नैस्डैक ने सितंबर 2022 के बाद से सबसे खराब दिन देखा, जिसमें 4% की गिरावट आई। डाउ जोंस, जो लगभग 900 अंक गिरा, 1 नवंबर 2023 के बाद पहली बार अपने 200-दिवसीय मूविंग एवरेज से नीचे बंद हुआ।
फॉक्स न्यूज के एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंदी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अर्थव्यवस्था ‘बदलाव के दौर’ से गुजर रही है। सोमवार की क्लोजिंग के अनुसार, एसएंडपी 500 के 366 कंपोनेंट्स, जो लगभग 73% हैं, अपने 52 हफ्ते के हाई से 10% या उससे ज्यादा नीचे ट्रेड कर रहे थे।
मंदी को लेकर ये हैं 6 बड़े संकेत
- ब्याज दरों में इजाफे का डर: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने संकेत दिए हैं कि महंगाई को काबू में लाने के लिए वे जल्द ही ब्याज दरों में इजाफा करेंगे। इससे निवेशकों में डर बैठ गया और उन्होंने भारी मात्रा में शेयर बेचने शुरू कर दिए।
- टैरिफ वॉर: डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी थी कि कनाडा, मैक्सिको व चीन से टैरिफ वॉर से अमेरिकियों को ‘थोड़ी परेशानी’ हो सकती है। इस बयान से डाउ जोंस में डर का माहौल पैदा हुआ।
- इंडेक्स में बदलाव: सीएनएन के फियर एंड ग्रीड इंडेक्स में सोमवार को ‘अत्यधिक डर’ का स्तर दिखा, जो कुछ हफ्ते पहले तक ‘न्यूट्रल’ था।
- टेक में बड़ी गिरावट: अमेरिकी शेयर बाजार में टेक कंपनियों का बड़ा वेटेज है। टेस्ला का शेयर 13% तक गिरा, जबकि एनवीडिया, एप्पल और अल्फाबेट 5% से ज्यादा नीचे आए। माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन के शेयरों में 2-4% गिरावट आई।
- कंपनियां दिवालिया: 2025 के पहले दो महीनों में 129 कंपनियां दिवालिया हुईं। 2010 के बाद से साल की शुरुआत में ये सबसे बड़ी संख्या।
- मंदी की आशंका: गोल्डमैन सैक्स ने मंदी की संभावना 15% से बढ़ाकर 20% कर दी। हालांकि, बैंक का मानना है कि ट्रम्प अगर हालात बिगड़ते देखेंगे तो अपनी नीतियों में बदलाव कर सकते हैं।
सेंसेक्स-निफ्टी ने नुकसान की भरपाई की सेंसेक्स ने मंगलवार को अपने अधिकांश नुकसान की भरपाई की और लगभग स्थिर बंद हुआ। सेंसेक्स 12.85 अंक की मामूली गिरावट के साथ 74,102.32 पर बंद हुआ। हालांकि, निजी क्षेत्र के इंडसइंड बैंक के शेयर 27% गिरकर 655.95 रुपए पर बंद हुए।
बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में कुछ विसंगतियों की रिपोर्ट की थी। दिन के दौरान यह 28% गिरकर 649 रुपए के 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया। एक्सपर्ट्स ने कहा, ट्रम्प की टैरिफ नीति में अस्थिरता व उच्च अनिश्चितता ने शेयर बाजारों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।
