Stocks Market Today: मंदी की आशंका ने वैश्विक बाजारों में कोहराम मचा दिया है. अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली, जिससे प्रमुख सूचकांक तगड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. डाओ जोंस 900 अंकों की भारी गिरावट के साथ चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक में ढाई साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. नैस्डैक 750 अंक टूटकर छह महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ. इस असर से एशियाई बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई. भारतीय बाजारों पर भी इसका प्रभाव पड़ा, जहां GIFT निफ्टी 200 अंक गिरकर 22,300 के करीब आ गया. डाओ फ्यूचर्स भी 200 अंकों की कमजोरी दिखा रहा है, वहीं जापान का निक्केई 1,000 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया.
टेक और ऑटो कंपनियों में भारी गिरावट
अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली के चलते दिग्गज टेक कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूट गए. टेस्ला के शेयर 15 प्रतिशत की गिरावट के साथ पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट में रहे. इसके अलावा, अल्फाबेट, मेटा, एप्पल और एनवीडिया जैसी कंपनियों के शेयर भी 4 से 5 प्रतिशत तक लुढ़क गए. टेक कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन ने संपूर्ण बाजार को दबाव में डाल दिया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
कमोडिटी बाजार पर भी असर
मंदी की आशंका का असर कमोडिटी बाजार पर भी देखने को मिला. कच्चा तेल 2 प्रतिशत गिरकर 69 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया, जिससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में भी कमजोरी दिखी. वहीं, सुरक्षित निवेश के रूप में माने जाने वाले सोने और चांदी में भी भारी गिरावट आई. सोना 35 डॉलर गिरकर 2,900 डॉलर प्रति औंस के नीचे पहुंच गया, जबकि चांदी 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33 डॉलर के नीचे आ गई. भारतीय बाजार में भी इसका असर दिखा, जहां सोने की कीमत 500 रुपये गिरकर 85,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी 700 रुपये टूटकर 96,500 रुपये प्रति किलोग्राम के नीचे आ गई.
क्रिप्टो बाजार में बिकवाली
मंदी की आशंका ने क्रिप्टोकरेंसी बाजार को भी हिला दिया. बिटकॉइन 5 प्रतिशत टूटकर चार महीने में पहली बार 80,000 डॉलर के नीचे आ गया. अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में भी 6 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ.
IndusInd Bank को बड़ा झटका
इस गिरावट के बीच IndusInd Bank के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है. बैंक ने अपने डेरिवेटिव खातों में भारी गड़बड़ी का खुलासा किया है, जिससे बैंक के मुनाफे पर 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. यह खबर बैंकिंग सेक्टर के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकती है.
खत्म हो रहा लोगों का भरोसा
लगातार गिरावट के कारण निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है, जिससे नए डीमैट खाते खुलने की रफ्तार में कमी आई है. फरवरी 2025 में महज 23 लाख नए डीमैट खाते खुले, जो पिछले 21 महीनों में सबसे कम हैं. यह संकेत है कि खुदरा निवेशक बाजार में निवेश करने से हिचकिचा रहे हैं और नए निवेशकों की भागीदारी घट रही है.
