मंदी की आहट से बाजार में घबराहट है। अमेरिका में मंदी की आशंका से कमोडिटी बाजार भी गिरा है। ट्रंप टैरिफ के असर की चिंताओं ने भी दबाव बनाया है। सोने में 1 फीसदी और चांदी में 1.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। कच्चा तेल भी दबाव में है। एक दिन में क्रूड का भाव करीब 2% गिरा है। कमजोर मांग और सप्लाई बढ़ने से गिरावट आई है। OPEC+ देश अप्रैल से उत्पादन बढ़ाएंगे। चीन के कमजोर आंकड़ों ने भी क्रूड पर दबाव बनाया है। बाजार को चीन में मांग बढ़ने की कम उम्मीद है।
कॉपर की भी सेहत बिगड़ी
इंटरनेशनल मार्केट में कॉपर का भाव गिरा है। कॉपर का भाव एक दिन में 1.5 फीसदी गिरा है। US टैरिफ की चिंताओं ने कॉपर पर दबाव बनाया है। COMEX और LME पर स्प्रेड 5-7% का हुआ है। अमेरिका का सालाना 8 लाख टन का इंपोर्ट हुआ है। अमेरिका कुल मांग का 50% इंपोर्ट करता है।
हिला बेस मेटल्स का बेस?
आयरन ओर फ्यूचर्स 2 महीने के निचले स्तरों पर दिख रहा है। स्टील का भाव 1 महीने के निचले स्तरों पर पहुंच गया है। चीन का स्टील का उत्पादन घटाने का भी ऐलान आया है। कंस्ट्रक्शन मांग में गिरावट से भी दबाव बना है। वियतनाम ने चीन पर डंपिंग टैक्स लगाया है।
सोपा (Soybean Processors Association of India)की सरकार को चिट्ठी
इस बीच सोयाबीन प्रोसेसरों के संघ ने भारत-अमेरिका के व्यापार समझौते पर सरकार के चिट्ठी लिखी है। जिसमें मांग की गई है कि सरकार सोयाबीन और ऑयल की ड्यूटी बरकरार रखे। सोयामील की ड्यूटी भी बरकरार रहनी चाहिए। ड्यूटी कम होने से इंडस्ट्री और किसानों को नुकसान होगा। सस्ते इंपोर्ट से भी इंडस्ट्री को भारी नुकसान होगा। ड्यूटी कम होने से खाने के तेल पर आत्मनिर्भरता को झटका संभव है। इससे नेशनल ऑयल मिशन के उद्देश्य को भी झटका लगेगा।
ट्रंप टैरिफ से CAI भी चिंतित
ट्रंप टैरिफ से CAI (Cotton Association of India) भी चिंतित है। इस पर CAI ने भारत सरकार को सुझाव दिये हैं। CAI का कहना है कि भारत US से 15-20 लाख बेल्स कॉटन का इंपोर्ट करें। अमेरिका से ड्यूटी फ्री कॉटन का इंपोर्ट होना चाहिए। CAI ने इंडस्ट्री पार्टिसिपेंट्स से सलाह के बाद ये सुझाव दिया है। उसका कहना है US से कॉटन खरीदने से फायदा होगा। चीन ने अमेरिकी कॉटन पर 15% की ड्यूटी लगाई है। भारत के लिए ड्यूटी फ्री इंपोर्ट करने का यह सही समय है। कॉटन इंपोर्ट से भारत और अमेरिका दोनों को फायदा होगा।
