भारत में कारोबार के लिए पूंजी उपलब्ध कराने वाले बाजार में वर्ष 2024 में नए निवेशक सामने आए हैं। पिछले साल रकम जुटाने के कुल 1,270 सौदे हुए, जिनमें लगभग 20 प्रतिशत फैमिली ऑफिस (धन प्रबंधन सेवाएं देने वाली कंपनियां) और कॉर्पोरेट वेंचर कैपिटल (सीवीसी) ने किए। सीवीसी में कंपनियां अपने वीसी फंड तैयार करती हैं। ये आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भारत में रकम जुटाने के बाजार में केवल अब वीसी कंपनियों का ही जलवा नहीं रह गया है। वर्ष 2023 में कुल 880 सौदे हुए थे जिनमें वीसी कंपनियों की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी रही थी।
हालांकि, इन दोनों खंडों की मौजूदगी 1 करोड़ डॉलर से कम मूल्य के सौदों तक ही रही। वर्ष 2024 में जितने सौदे हुए उनमें इनकी (1 करोड़ डॉलर से कम मूल्य के सौदों) हिस्सेदारी 60-70 प्रतिशत दर्ज की गई। यह बात इंडिया वेंचर कैपिटल रिपोर्ट, 2025 में सामने आई है। यह रिपोर्ट सोमवार को जारी हुई जिसे इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) और बेन ऐंड कंपनी ने तैयार किया है।
बात केवल आंकड़ों तक ही सिमटी नहीं है। साल 2024 में 10 करोड़ डॉलर मूल्य से जितने अधिक सौदे हुए उनमें लगभग 50 प्रतिशत में तेजी से उभरते वीसी फंड, फैमिली ऑफिस और सीवीसी शामिल थे। कुछ बड़े नामों में जेप्टो सौदे (66.5 करोड़ डॉलर) में स्टेप स्टोन और ब्लैक कैपिटल पार्टनर्स, फार्मईजी सौदे (21.6 करोड़ डॉलर) में एमईएमजी फैमिली ऑफिस और फिजिक्स वाला की तरफ से जुटाई गई 21 करोड़ डॉलर में हॉर्नबॉल कैपिटल शामिल हैं।
अग्रणी प्राइवेट इक्विटी और वीसी फंडों की हिस्सेदारी 2024 में कम होकर सौदों के कुल मूल्य 13.7 अरब डॉलर का 35 प्रतिशत रह गई जो 2023 में 50 प्रतिशत तक हुआ करती थी। इसका नतीजा यह हुआ है कि तेजी से उभरते संस्थानों फैमिली ऑफिस, नए वीसी और सीवीसी की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 65 प्रतिशत तक पहुंच गई। वर्ष 2020 और 2025 के बीच जिन कंपनियों ने 35 से अधिक सौदों में 1 अरब डॉलर से अधिक या 50 से अधिक सौदों में 50 करोड़ से अधिक मूल्य के सौदे किए वे अग्रणी वीसी कंपनियों के तौर पर जानी जाती हैं। इन कंपनियों में टाइगर ग्लोबल, सॉफ्ट बैंक, एस्सेल, लाइटस्पीड वेंचर्स पार्टनर्स, नॉर्वेस्ट वेंचर पार्टनर्स और ब्लूम वेंचर एडवाइजर्स सहित कुछ दूसरी शामिल हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार फैमिली ऑफिस कम से कम छह सौदों के साथ जुड़े थे जिनका कुल मूल्य 10 करोड़ डॉलर से अधिक पहुंच गया था। इस तरह, उनकी तरफ से 1.2 अरब डॉलर मूल्य के निवेश आए। सीवीसी ने चार कंपनियों में 10 करोड़ डॉलर मूल्य के चार सौदे किए जो कुल 69.6 करोड़ डॉलर के थे।
हालांकि, बड़े निवेशक अब भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और अधिक से अधिक सौदे कर रहे हैं। इनमें कई ने तो 2024 में पिछले साल की तुलना में 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के सौदे किए। लाइटस्पीड ने 2024 में अपने सौदों की संख्या बढ़ाकर 22 तक पहुंचा दी जो 2023 में 19 थी। इसी अवधि के दौरान इसके 10 करोड़ डॉलर मूल्य से अधिक के सौदों की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत तक पहुंच गई।
नेक्सस वेंचर पार्टनर्स ने भी अपने सौदों की संख्या 16 से बढ़ाकर 17 तक पहुंचा दी जबकि 10 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के सौदों की इसकी हिस्सेदारी 6 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई। हालांकि, ब्लूम और एलिवेशन कैपिटल के 10 करोड़ डॉलर से अधिक सौदों की हिस्सेदारी 2023 की तुलना में 2024 में कम रही।
एक और अच्छी बात यह रही कि 2024 में वीसी सौदों में सुधार दर्ज हुआ और इनसे आई रकम बढ़कर 13.7 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच गई। यानी 2023 के 9.6 अरब डॉलर के स्तर से इसमें 1.4 गुना इजाफा हुआ। सौदों का औसत मूल्य 1.1 करोड़ डॉलर के स्तर पर स्थिर रहा।
सबसे अधिक सौदे उपभोक्ता तकनीक खंड में हुए। इस खंड में सौदों का कुल मूल्य 2024 में दोगुना होकर 5.4 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। मगर रकम जुटाने से जुड़ी गतिविधियां 35 प्रतिशत कम होकर 2.7 अरब डॉलर तक सीमित रह गईं। जितनी रकम जुटाई गई उनमें 65 प्रतिशत हिस्सा घरेलू स्रोतों से आया।
