Market Outlook: ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley और Goldman Sachs ने भारतीय शेयर बाजार को लेकर अपनी रणनीति और अनुमान जारी किए हैं. फर्म्स के अनुसार, भारतीय बाजार ओवरसोल्ड स्थिति में है और पॉजिटिव खबरों को नजरअंदाज कर रहा है. हालांकि, भारत के फंडामेंटल मजबूत दिख रहे हैं, जिससे आने वाले वर्षों में स्टॉक्स के लिए टर्निंग पॉइंट बन सकता है.
Morgan Stanley का क्या है आउटलुक?
Morgan Stanley के मुताबिक, भारतीय बाजार ने मजबूत बजट, RBI के लिक्विडिटी बढ़ाने के कदम और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जैसी पॉजिटिव खबरों को अनदेखा किया है. इसके चलते Sensex नवंबर 2020 के स्तर पर पहुंच गया है. लेकिन भारत के आर्थिक फंडामेंटल में सुधार दिख रहे हैं और अगले 3-5 वर्षों में मध्यम से ऊंची कमाई वृद्धि (Mid-High Teen Earnings Growth) की संभावना जताई गई है. साथ ही, प्राइवेट Capex साइकिल के चलते ग्रोथ में तेजी आने की उम्मीद है.
Morgan Stanley का मानना है कि आने वाले तिमाही नतीजों में कंपनियां उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में भी सुधार देखने को मिल सकता है. हालांकि, EM (इमर्जिंग मार्केट) में भारत का बीटा घटकर ~0.4 हो गया है, जिससे भारतीय बाजार का प्रदर्शन थोड़ा अलग रह सकता है.
Goldman Sachs का क्या है आउटलुक?
Goldman Sachs ने भारतीय बाजार पर Marketweight रेटिंग बरकरार रखी है. हालांकि, पांच महीने पहले ग्रोथ में सुस्ती के चलते उन्होंने भारत को डाउनग्रेड किया था, लेकिन अब डोमेस्टिक ग्रोथ में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद जताई है.
Goldman Sachs का Nifty पर क्या है टारगेट?
3 महीने में: 23,000 (2.1% अपसाइड)
6 महीने में: 24,000 (6.5% अपसाइड)
12 महीने में: 25,500 (13% अपसाइड)
टेक्निकल चार्ट भी बाजार में बॉटम के संकेत दे रहे हैं, जिससे निवेशकों के लिए बॉटम फिशिंग का अवसर बन सकता है. हालांकि, लार्जकैप शेयर फेयर वैल्यू के करीब हैं, जबकि स्मॉलकैप और मिडकैप अभी भी महंगे हैं.
निवेशकों के लिए अवसर
बाजार में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह टर्निंग पॉइंट हो सकता है. आने वाले तिमाही नतीजे संभावनाओं से बेहतर हो सकते हैं, जिससे बाजार में सकारात्मकता लौट सकती है. Capex साइकिल में सुधार से भारत की ग्रोथ को समर्थन मिलेगा. बॉटम फिशिंग रणनीति अपनाने वाले निवेशकों को ओवरसोल्ड स्टॉक्स में अवसर मिल सकता है. भारतीय बाजार भले ही फिलहाल दबाव में हो, लेकिन आने वाले महीनों में मजबूत रिकवरी की संभावना से इनवेस्टर्स को उम्मीद बनी हुई है.
