मार्केट के तब तक लॉन्ग टर्म बेयर फेज में जाने के आसार नहीं हैं जब तक अचानक कोई खराब खबर नहीं आती है। कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि अनुभव यह बताता है कि लॉन्ग टर्म बेयर मार्केट की शुरुआत फेयर वैल्यू मार्केट से नहीं होती है। ऐसा तभी होता है जब कोई बड़ा झटका लगता है। अमेरिकी सब-प्राइम क्राइसिस और कोविड की महामारी इसके उदाहरण हैं। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट को लेकर कई बातें बताईं।
वैल्यू क्रिएशन में प्रमोटर का बड़ा हाथ
शाह (Nilesh Shah) ने कहा कि पिछले साल सितंबर के अंत से जारी गिरावट के बाद कई लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की कीमतें अपने फेयर वैल्यू के करीब हैं। ये स्टॉक्स न तो महंगे हैं और न ही सस्ते हैं। अगर आप किसी स्टॉक पर दांव लगाना चाहते हैं तो उसके सेक्टर के मुकाबले आपको उस कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी को देखना चाहिए। वैल्यू क्रिएशन में सेक्टर से ज्यादा प्रमोटर का हाथ होता है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को हमेशा यह देखना चाहिए कि प्रमोटर ऐसा हो जिसके पास कुछ हासिल करने का विजन हो। जिसके पास चीजों को जमीन पर उतारने की क्षमता हो। साथ ही उसके पास माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के लिए रेस्पेक्ट होना चाहिए। प्रमोटर का मेहनती होना जरूरी है।
रिटेल इनवेस्टर्स काफी मैच्योर हो चुका है
क्या इस गिरावट के बाद रिटेल इनवेस्टर्स मार्केट से दूरी बना सकते हैं? इसके जवाब में शाह ने कहा कि रिटेल इनवेस्टर्स अब काफी मैच्योर हो गया है। इसमें उसके अनुभव और एजुकेशन का हाथ है। साथ ही उसे सही सलाह मिली है। म्यूचुअल फंड के लाखों डिस्ट्रिब्यूटर्स ने इंडिया के छोटे-बड़े सभी शहरों में करोड़ों रिटेल इनवेस्टर्स का मार्गदर्शन किया है। सेबी और एंफी ने भी निवेशकों को एजुकेट करने पर ध्यान दिया है। ‘म्यूचुअल फंड सही है’ कैंपेन इसका उदाहरण है।
मार्केट में डर का असर SIP में निवेश पर पड़ सकता है
उन्होंने कहा कि आज खास बात यह है कि कुछ इनवेस्टर्स जहां शॉर्ट टर्म में मार्केट के करेंट निगेटिव रिटर्न पर चिंता जता रहे हैं वही कई दूसरे इनवेस्टर्स मार्केट के उतारचढ़ाव का सामना करने के लिए तैयार दिखते हैं। हालांकि, बाजार में जिस तरह का डर बना है, उसका असर म्यूचुअल फंडों में निवेश पर दिख सकता है। कई इनवेस्टर्स बीते छह महीने के प्रदर्शन को भविष्य के रिटर्न का संकेत मान लेते हैं। ऐसे इनवेस्टर्स सही सलाह नहीं मिलने पर अपना SIP बंद कर देते हैं।
लंबी अवधि के निवेश के लिए SIP से निवेश जारी रखें
शाह ने कहा कि लोग इस इंटरव्यू को पढ़ें और लंबी अवधि के लिहाज से SIP में अपने निवेश को जारी रखें। हमेशा याद रखें कि मार्केट की टाइमिंग पर फोकस करने के बजाय हर समय मार्केट में निवेश करने पर ज्यादा पैसा बनता है। करेक्शन के बजाय उन लोगों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है जो मार्केट में करेक्शन का इंतजार करते हैं। इसलिए निवेशकों को मीडियम और लंबी अवधि के लिहाज से बैंकिंग, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी और हेल्थकेयर स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए।
