नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी फिच ने अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस (AESL) के आउटलुक को निगेटिव कर दिया है। कंपनी के खिलाफ अमेरिका में चल रही जांच के कारण ऐसा किया गया है। फिच को चिंता है कि इस जांच से कंपनी के कामकाज में कमजोरियां सामने आ सकती हैं। इन कमजोरियों से कंपनी की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ सकता है। एजेंसी ने चेतावनी दी है कि जांच के नतीजे कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइल को प्रभावित कर सकते हैं। सोमवार को कंपनी का शेयर 1.53% तेजी के साथ 758.95 रुपये पर बंद हुआ।फिच ने एक बयान में कहा कि अडानी एनर्जी की नकदी और फंडिंग जरूरतों से जुड़े जोखिम कम हुए हैं। लेकिन अमेरिकी जांच की कार्यवाही और नतीजे यह बता सकते हैं कि ग्रुप के कॉर्पोरेट गवर्नेंस प्रैक्टिसेज हमारी अपेक्षा से कमजोर हैं। इससे निकट से मध्यम अवधि में निगेटिव रेटिंग कार्रवाई हो सकती है। पिछले साल नवंबर में अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी और उनके ग्रुप के कुछ शीर्ष अधिकारियों पर आरोप लगाए थे। उन पर ग्रीन एनर्जी के ठेके हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने और यह बात अमेरिकी निवेशकों से छिपाने के आरोप हैं। हालांकि ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है।
कामकाज में गड़बड़ी
Fitch ने कहा कि अडानी एनर्जी ने 51 अरब रुपये की फंडिंग जुटा ली है। यह फंडिंग देश और विदेश के बैंकों से मिली है। लेकिन जांच के नतीजे भविष्य में पूंजी बाजार तक पहुंचने की उसकी क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। एजेंसी ने चेतावनी दी कि आरोप सिद्ध होने या अडानी ग्रुप की कंपनियों की गवर्नेंस प्रैक्टिसेज और इंटरनल कंट्रोल में किसी भी कमजोरी के संकेत से रेटिंग्स पर दबाव पड़ सकता है। यानी अगर कंपनी के कामकाज में गड़बड़ी पाई गई तो उसकी रेटिंग गिर सकती है।
रेगुलेटरी जांच के बावजूद अडानी एनर्जी तेजी से विस्तार कर रही है। कंपनी ने पांच भारतीय राज्यों में 22.8 मिलियन यूनिट का स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट जीता है। FY26 तक EBITDA में इसका 25% से अधिक योगदान होने की उम्मीद है। Fitch ने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग से तेजी से नकदी मिलती है लेकिन इससे कंपनी देश की सरकारी बिजली वितरण कंपनियों के वित्तीय स्वास्थ्य पर भी निर्भर हो जाती है। AESL का ट्रांसमिशन बिजनस 14 भारतीय राज्यों में फैला है। Fitch ने बताया कि कंपनी के पास 60.6 अरब रुपये का कैश रिजर्व है।
और नीचे जाएगी रेटिंग
एजेंसी ने जोर देकर कहा कि आगे कोई भी गवर्नेंस चूक, वित्तीय तनाव या कानूनी झटके रेटिंग को और नीचे ला सकते हैं। अगर रिश्वतखोरी, प्रतिभूति धोखाधड़ी या बिगड़ी हुई वित्तीय स्थिति का सबूत मिलता है, तो वह निगेटिव रेटिंग कार्रवाई कर सकती है। इसके विपरीत, अगर अमेरिकी जांच में कोई प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं निकलता है और AESL अपनी फंडिंग बनाए रखती है, तो आउटलुक को स्टेबल में बदला जा सकता है। Fitch ने कहा कि वह अमेरिकी जांच पर नजर रखेगी और अडानी एनर्जी के गवर्नेंस, आंतरिक नियंत्रणों और समग्र क्रेडिट क्षमता पर इसके संभावित प्रभाव का आकलन करेगी।
