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Gensol Engineering के प्रमोटर्स ने बेची 2.37% हिस्सेदारी, कुछ दिन पहले ही शेयर बायबैक का दिया था आश्वासन

Gensol Engineering Stocks: जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटरों ने कंपनी के 9 लाख शेयर यानी अपनी करीब 2.37% हिस्सेदारी बेच दी है। यह फैसला कई लोगों के लिए हैरानी भरा हो सकता है क्योंकि कुछ ही दिन पहले उन्होंने मार्केट से कंपनी के शेयर वापस खरीदने का आश्वासन दिया था। जेनसोल इंजीनियरिंग के शुक्रवार 7 मार्च को जारी एक बयान में बताया कि उसके प्रमोटरों ने लिक्विडिटी के उद्देश्य से कंपनी के करीब 9 लाख शेयर बेचे हैं। इससे मिलने वाली राशि को इक्विटी निवेश के जरिए बिजनेस में दोबारा निवेश किया जाएगा।

कंपनी के मुताबिक, ये कदम बैलेंस शीट को मजबूत करने और स्टेबिलिटी बढ़ाने के लिए उठाया गया है। बयान में कहा गया है कि प्रमोटर इस बिक्री से मिली राशि के बराबर या उससे अधिक राशि को वारंट सब्सक्रिप्शन राउंड में फिर से निवेश करेंगे। इससे कंपनी को अतिरिक्त ग्रोथ कैपिटल मुहैया होगी।

कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया, “इस ट्रांजैक्शन के बाद, जेनसोल के प्रमोटर्स अब भी कंपनी में 59.7% की बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं।

क्या कहा था प्रमोटर्स ने?

इस हफ्ते की शुरुआत में, जेनसोल इंजीनियरिंग के चेयरमैन और एमडी अनमोल सिंह जग्गी ने हमारे सहयोगी CNBC-TV18 को बताया था कि प्रमोटर्स जल्द ही खुले बाजार से शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं। हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं दी थी।

उन्होंने आउटस्टैंडिंग वारंट्स के बारे में भी बात की जिसका आंशिक भुगतान किया जा चुका है। ये वारंट 870 रुपये प्रति शेयर पर जारी किए गए थे और प्रमोटरों ने इस इश्यू के जरिए 130 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि इसमें से 25% या करीब ₹30 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है और बाकी ₹100 करोड़ बकाया हैं।

जग्गी ने कहा, “मुझे लगता है कि या तो हम अपने ग्राहकों का भरोसा फिर से जीतने के लिए खुले बाजार से शेयर खरीद करेंगे या फिर अपने वारंट को सब्सक्राइब करके कारोबार में नकदी डालेंगे। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, इस समय मेरे पास इसकी कोई सटीक समयसीमा नहीं है, लेकिन वीकेंड या अगले सप्ताह तक हम इस पर ठोस कदम उठाएंगे।”

ICRA के आरोप और कंपनी का जवाब

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने हाल ही में Gensol पर लोन रीपेमेंट डॉक्यूमेंट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद इसके शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। लेकिन MD अनमोल सिंह जग्गी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

रेटिंग एजेंसी आईसीआरए द्वारा ऋण चुकौती दस्तावेज़ में जालसाजी के आरोप के जवाब में जग्गी ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया। जग्गी ने कहा, “जहां तक ​​हमें पता है, कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और हम उच्चतम स्तर के नैतिक मानकों के साथ काम करते हैं।” उन्होंने कहा कि आरोपों जांच के लिए हमने एक स्वतंत्र कमिटी बना दी है हम मजबूत हैं और हम वापसी करेंगे।

इस बीच जेनसोल इंजीनियरिंग की अगला बोर्ड मीटिंग 13 मार्च को होने वाला है, जिसमें स्टॉक स्प्लिट और फंड रेजिंग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 56 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

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