Markets

शेयर बाजार में 10% की और गिरावट संभव, लेकिन यह एक मौका भी हो सकता है: रीता ताहिलरमानी

भारतीय शेयर बाजार इस समय कोरोना महामारी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट का सामना कर रहा है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली इस गिरावट की प्रमुख वजहों में से एक है। ऐसा क्यों हो रहा है? विदेशी निवेशक और कितना बेचेंगे? मनीकंट्रोल ने इसे लेकर ब्रिटेन के सबसे बड़े एक्टिव एसेट मैनेजर, एबरडीन एसेट मैनेजमेंट की रीता ताहिलरमानी के साथ बातचीत की। ताहिलरमानी का मानना है कि यह गिरावट लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर भी साबित हो सकता है। इस बातचीत के संपादित अंश यहां दिए गए हैं।

भारत की ग्रोथ स्टोरी मजबूती बनी रहेगी

एक फंड मैनेजर के रूप में अपनी एनालिसिस को साझा करते हुए रीता ताहिलरमानी ने कहा कि भारत की ग्रोथ स्टोरी मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा, “भारत की अर्निंग्स ग्रोथ, सरकार की वित्तीय नीति और राजनीतिक स्थिरता इसे एक आकर्षक बाजार बनाते हैं।” हालांकि, निकट भविष्य में सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर में कमी और कंज्यूमर डिमांड में सुस्ती कुछ चुनौतियां पेश कर रही हैं।

इसके अलावा ग्लोबल अनिश्चितताओं का भी असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, “ट्रेड वार और टैरिफ बढ़ोतरी से भारत काफी हद तक सुरक्षित है, लेकिन इसका व्यापक आर्थिक असर जरूर महसूस किया जा सकता है।”

क्या विदेशी निवेश निवेश चीन की ओर शिफ्ट हो रहे हैं?

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के निवेश में बदलाव को लेकर ताहिलरमानी ने कहा कि भारत की वैल्यूएशन में सुधार हुआ है। भारत का एक-साल का फॉरवर्ड वैल्यूएशन लगभग 18.5 से 19 गुना अर्निंग मल्टीपल पर आ चुका है, जो इसके 10 साल के औसत के मुताबिक है।

उन्होंने कहा, “भारत हमेशा से दूसरे इमर्जिंग मार्केट्स (EMs) और चीन की तुलना में प्रीमियम पर ट्रेड करता रहा है, लेकिन अब यह प्रीमियम अपने 10 साल के औसत पर आ चुका है। इसलिए, मुझे लगता है कि यह गिरावट भारत की लॉन्ग-टर्म संभावनाओं के लिए पॉजिटिव संकेत है।”

क्या भारतीय शेयर बाजार ने अपना निचला स्तर छू लिया है?

इस सवाल पर उन्होंने कहा कि शेयर बाजार की गिरावट धीरे-धीरे स्थिर हो सकती है। वैल्यूएशन के मामले में ऐसा लगता है कि हम औसत स्तर पर हैं। लेकिन शेयर बाजार के सेटीमेंट में सुधार के लिए घरेलू कारणों के अलावा कई ग्लोबल फैक्टर्स भी शामिल होते हैं और इनमें सुधार की जरूरत है।

आगे और कितनी गिरावट संभव?

ताहिलरमानी ने अनुमान जताया कि उनके हिसाब भारतीय शेयर बाजार में “लगभग 10% की और गिरावट संभव है।” हालांकि, उन्होंने इसे निवेश का एक बेहतर अवसर भी बताया। उन्होंने कहा, “एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के रूप में, हम बुनियादी बातों पर फोकस करते हैं। अगर किसी कंपनी के पास कॉम्पिटीटिव बढ़त है, कैश फ्लो बरकरार है और वैल्यूएशन वाजिब है, तो हम ऐसी कंपनियों में निवेशक को प्राथमिकता देते हैं। अगर ये कारक मजबूत हैं, तो हम 10% और गिरावट का इंतजार करने के बजाय निवेश करना पसंद करेंगे।”

डिस्क्लेमरः stock market newa पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। stock market newa यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top