Markets

विदेशी निवेशकों का भारत से चीन के बाजारों में रुख करना अस्थायी, लौटकर आएंगे: Ashmore Group CEO

विदेशी निवेशकों का भारत के बाजारों से चीन के बाजारों में हालिया शिफ्ट स्थायी नहीं है, क्योंकि निवेशक आखिरकार अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करेंगे। यह बात ब्रिटेन के एशमोर ग्रुप के सीईओ मार्क कॉम्ब्स ने मनीकंट्रोल ग्लोबल वेल्थ समिट 2025 में कही। एशमोर ग्रुप एक एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। कॉम्ब्स ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार से विदेशी फंड के आउटफ्लो में वैल्यूएशंस ने प्रमुख भूमिका निभाई, क्योंकि भारत का शेयर बाजार अपेक्षाकृत महंगा हो गया था।

कॉम्ब्स के मुताबिक, “चीन बहुत सस्ता है, और भारत केवल चीन के मुकाबले ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर बहुत महंगा हो गया।” उन्होंने कहा कि चीन के आक्रामक नीतिगत कदमों ने भी इस बदलाव में योगदान दिया। लेकिन आखिरकार, आपको कुछ हद तक ग्रोथ वापस मिलेगी। माना जा रहा है कि भारत अगले 20-25 वर्षों में दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। वैश्विक संस्थागत निवेशक भारत को ब्रॉडर एमर्जिंग मार्केट (EM) फंड्स के हिस्से के बजाय एक अलग एसेट क्लास के रूप में देख रहे हैं।

गंभीर निवेशक को 5 साल के लिए भारत में लगाना होगा पैसा

कॉम्ब्स का मानना ​​है कि यह ट्रेंड अगले 5 से 10 वर्षों में तेज होगा। किसी भी गंभीर वैश्विक निवेशक को कमोबेश 5 साल के लिए भारत में पैसा लगाना होगा। ब्रॉडर रिस्क्स पर, कॉम्ब्स ने कहा कि अमेरिका में मंदी संभव है, लेकिन अगले तीन महीनों में इसकी संभावना नहीं है। साथ ही उम्मीद है कि ब्याज दरें, फेड की ओर से लिमिटेड कटौतियों के साथ एक नैरो बैंड में रहेंगी।

भारत टैरिफ के मामले में बाकी देशों के मुकाबले सुरक्षित

उन्होंने यह भी कहा कि भारत टैरिफ के मामले में बाकी देशों के मुकाबले सुरक्षित रहेगा, क्योंकि इसके कई प्रमुख एक्सपोर्ट्स पर टैरिफ लगाना काफी कठिन है। यह अमेरिका में उनका उत्पादन शुरू करने के बराबर है। इसके अलावा, सर्विसेज पर टैरिफ फिलहाल नहीं है, जो भारत के लिए अच्छी बात है क्योंकि इसका मतलब है कि रिलेटिव कॉस्ट अभी भी काफी सस्ती है।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top