Editor’s Take: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आने वाली कारों पर एक महीने के लिए टैरिफ टाल दिया, जिससे बाजार में राहत देखने को मिली. ट्रंप के रुख में पहली बार नरमी आई है, जिससे न केवल अमेरिकी बल्कि दुनियाभर के बाजारों में तेजी लौटी. हालांकि, अमेरिकी बाजार अभी भी काफी वोलाटाइल बने हुए हैं.
भारतीय बाजार के लिए भी यह अच्छी खबर है, क्योंकि 2 अप्रैल से भारत पर भी टैरिफ लागू होने की संभावना है. लेकिन तब तक शायद दोनों देशों के बीच बातचीत से कोई हल निकल आए. इसके अलावा, डॉलर इंडेक्स घटकर 104 के करीब आ गया है, कच्चा तेल तीन साल के निचले स्तर $69 प्रति बैरल पर पहुंच गया है और बॉन्ड यील्ड 4.25% तक गिर चुकी है. ये सभी फैक्टर्स भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत दे रहे हैं.
FIIs ब्रोकरेज बुलिश, फंड मैनेजर कब खरीदेंगे?
हाल ही में आई बड़ी गिरावट के बाद विदेशी निवेशकों (FIIs) की ब्रोकरेज फर्में भारतीय बाजार को सस्ता और आकर्षक मान रही हैं. खासकर लार्जकैप स्टॉक्स इस समय बेहद अच्छे वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि अब FIIs के फंड मैनेजर भी बिकवाली को रोककर खरीदारी की ओर कदम बढ़ाएंगे.
बीते कुछ दिनों से FIIs की बिकवाली का दबाव कम हुआ है, जबकि घरेलू निवेशक खुले हाथों से खरीदारी कर रहे हैं. यही वजह है कि पिछले तीन दिनों से बाजार में रिकवरी देखने को मिल रही है और मंदी का दबाव थोड़ा कम हुआ है.
बाजार कल टेक्निकली मजबूत हुआ है?
पिछले कुछ हफ्तों में बाजार को ऐतिहासिक गिरावट झेलनी पड़ी. 29 साल में पहली बार निफ्टी लगातार 10 दिन तक लाल निशान में बंद हुआ, 19 में से 18 सेशंस कमजोर रहे और 28 साल बाद लगातार 5 महीनों तक निफ्टी निगेटिव बंद हुआ.
इसके अलावा, निफ्टी टॉप से 16% टूटा, बैंक निफ्टी 12% गिरा, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप में 23% और 27% की गिरावट आई. PSU शेयरों को सबसे ज्यादा झटका लगा, जो 33% तक टूट गए.
हालांकि, बाजार में ओवरसोल्ड स्थिति के बाद कल पहली बार अच्छी रिकवरी देखने को मिली. निफ्टी ने higher high, higher low बनाया और पिछले दिन के हाई के ऊपर बंद हुआ. हालांकि, बाजार को मंदी से पूरी तरह उबरने के लिए निफ्टी को 22,550 और बैंक निफ्टी को 49,000 के ऊपर बंद होना जरूरी है. वहीं, अगर निफ्टी 22,000 और बैंक निफ्टी 48,000 के नीचे जाता है तो दोबारा कमजोरी आ सकती है.
कल जान में जान आई, आज जोश आएगा?
बाजार के लिए आज के सभी संकेत पॉजिटिव नजर आ रहे हैं. ट्रंप के नरम रुख, अमेरिकी बाजार की मजबूती, डॉलर इंडेक्स में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और FIIs की बिकवाली घटने से बाजार को मजबूती मिल सकती है.
हालांकि, एकमात्र अनिश्चितता ट्रंप के अगले कदम को लेकर बनी हुई है, क्योंकि उनके फैसले अचानक बदल सकते हैं. फिर भी, बाजार में जोश बना हुआ है और अगर आज एक और मजबूत सेशन देखने को मिलता है, तो मंदी का दौर पीछे छूट सकता है.
उछाल में ट्रेडर्स क्या करें?
अगर बाजार की शुरुआत सुस्त होती है या निफ्टी नीचे खुलता है तो तुरंत खरीदारी करने का सुझाव दिया जा रहा है. पहली गिरावट पर भी खरीदारी की सलाह दी जा रही है और साथ ही स्टॉपलॉस को ट्रेल करते रहने की रणनीति अपनाने की बात कही गई है.
अगर निफ्टी 22,550 के ऊपर बंद होता है, तो बाजार में पूरी तरह से भरोसा बनाया जा सकता है. जो निवेशक पहले से बाजार में फंसे हुए हैं, उन्हें मौका देखकर पोजीशन से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए.
इंतजार कर रहे निवेशक पैसा लगाएं?
जो निवेशक 22,000 के पास खरीदारी की रणनीति बना रहे थे लेकिन अब तक निवेश नहीं कर पाए, उनके लिए अभी भी मौका है. हालांकि, थोड़ा कैश बचाकर रखना समझदारी होगी, ताकि अगर बाजार में दोबारा गिरावट आए तो बेहतर स्तर पर निवेश किया जा सके. इसके अलावा, SIP को जारी रखने की सलाह दी जा रही है, ताकि लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिल सके.
कौन-से सेक्टर और शेयर होंगे आज के हीरो?
आज के सत्र में मेटल और फार्मा सेक्टर सबसे मजबूत नजर आ रहे हैं. इसके अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी तेजी की उम्मीद जताई जा रही है. बैंकिंग सेक्टर को RBI के संभावित बूस्टर पैकेज से सहारा मिल सकता है, जबकि ऑटो स्टॉक्स में भी मजबूती दिख सकती है.
मंदी के लंबे दौर के बाद, अब बाजार में रिकवरी के संकेत नजर आ रहे हैं. अगर बाजार आज भी मजबूती बनाए रखता है, तो यह संकेत देगा कि गिरावट का दौर अब खत्म हो सकता है. हालांकि, अभी भी अमेरिकी नीतियों और वैश्विक बाजारों पर नजर रखना जरूरी है. निवेशकों और ट्रेडर्स को सावधानी से स्टॉपलॉस के साथ निवेश करने की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी भी संभावित उतार-चढ़ाव से बचा जा सके.
