खरीदारी के माहौल में बीएसई के शेयर आज ग्रीन हैं। एक कारोबारी दिन इसके शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव दिखा और ओवरऑल ग्रीन मार्केट में भी यह 9 फीसदी से अधिक टूट गया था। इसकी बिकवाली इसलिए हुई थी क्योंकि NSE ने अपने सभी डेरिवेटव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी का दिन अगले महीने 4 अप्रैल से गुरुवार की बजाय सोमवार को करने का फैसला किया है। इसके चलते ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने भी अपने नजरिए में बदलाव किया और टारगेट प्राइस घटा दिया है। फिलहाल इसके शेयर एनएसई पर 0.77 फीसदी की बढ़त के साथ 4,332.05 रुपये पर हैं। इंट्रा-डे में यह 1.97 फीसदी उछलकर 4,383.75 रुपये (BSE Share Price) पर पहुंच गया था।
Goldman ने क्यों की BSE के टारगेट प्राइस में कटौती?
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि 1 जनवरी 2025 को एक्सपायरी डे को लेकर जो बदलाव हुए थे, उससे बीएसई के ऑप्शंस मार्केट शेयर को झटका लगा था। एनएसई ने अपनी सभी एक्सपायरी को मंगलवार और बीएसई ने मंगलवार को शिफ्ट किया तो इसका वीकली ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स एक्सपायरी पर बड़ा झटका लगा। शुरुआती फायदे के बावजूद गोल्डमैन का मानना है कि बीएसई के कॉन्ट्रैक्ट्स में उम्मीद के मुताबिक लिक्विडिटी मजबूत नहीं हुई। इंडेक्स ऑप्शंस प्रीमियम में बीएसई की हिस्सेदारी दिसंबर 2024 में 16 फीसदी से बढ़कर जनवरी और फरवरी 2025 में 20-22 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले गोल्डमैन ने अनुमान लगाया था कि अक्टूबर 2025 तक बीएसई के मार्केट शेयर में 0.30 फीसदी की स्थायी तेजी आएगी लेकिन अब ब्रोकरेज फर्म को एक्सपायरी डे में बदलाव से किसी अतिरिक्त ग्रोथ को सपोर्ट की उम्मीद नहीं दिख रही है। बीएसई के लिए यह झटका इसलिए है क्योंकि इसके रेवेन्यू का आधा हिस्सा ऑप्शंस ट्रे़डिंग से आता है।
शेयरों की एक साल में कैसी रही चाल और आगे क्या है रुझान?
रिकॉर्ड हाई से फिसलने से पहले बीएसई के शेयरों ने 10 महीने में निवेशकों का पैसा तीन गुना से अधिक बढ़ाया था। पिछले साल 19 मार्च 2024 को यह 1,941.05 रुपये पर था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इस निचले स्तर से 10 ही महीने में यह करीब 216 फीसदी उछलकर 20 जनवरी 2025 को 6,133.40 रुपये पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। हालांकि शेयरों की तेजी यहीं थम गई और फिलहाल इस रिकॉर्ड हाई से यह 31 फीसदी डाउनसाइड है। अब आगे की बात करें तो ब्रोकरेज फर्म ने इसकी न्यूट्रल रेटिंग को बरकरार रखा है। कुछ दिनों पहले ब्रोकरेज फर्म ने इसका टारगेट प्राइस 5650 रुपये से घटाकर 4880 रुपये किया था और अब इसे फिर घटाकर 4,230 रुपये कर दिया है।
NSE ने क्यों किया एक्सपायरी में बदलाव?
एनएसई का कहना है कि अहम जियो-पॉलिटिकल घटनाएं वीकेंड पर होती हैं तो ऐसे में सोमवार एक्सपायरी के लिए अच्छा दिन है। एनएसई के प्रवक्ता का कहना है कि एक्सपायरी के दिन में बदलाव के बाद काफी फीडबैक मिले लेकिन यह फैसला दक्षता को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। हालांकि यदि जरूरी हुआ तो एनएसई ने फैसले पर फिर समीक्षा की भी बात कही है।
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