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सरकार का बयान, शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का टैक्स से कोई लेना-देना नहीं, तो असली वजह क्या?

विशाखापट्टनम में गुरुवार (6 मार्च) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि हाल ही में शेयर बाजार में आए उतार-चढ़ाव का टैक्स नीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बताया कि शेयर बाजार कई कारणों से ऊपर-नीचे जाता है, लेकिन टैक्स का इससे कोई संबंध नहीं है।

सेठ ने MoneyControl की रिपोर्ट के अनुसार कहा, “शेयर बाजार अलग-अलग कारणों से ऊपर-नीचे होता है, और इसका टैक्स से कोई लेना-देना नहीं है। टैक्स दरें और शेयर बाजार दो अलग-अलग मुद्दे हैं,”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सभी प्रकार के निवेशों पर एक समान टैक्स नीति लागू करती है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार अलग-अलग एसेट क्लास (संपत्तियों) के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण नहीं रखती है। हम उन पर समान टैक्स लगाते हैं,”

कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव

अजय सेठ ने बताया कि 2024 के केंद्रीय बजट में कैपिटल गेन टैक्स की दर को बिना इंडेक्सेशन के 12.5% कर दिया गया है, जो पहले इंडेक्सेशन के साथ 20% था। यह बदलाव कर प्रणाली को सरल बनाने और निवेशकों के लिए गणना को आसान बनाने के उद्देश्य से किया गया है।

उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भी जोर दिया और कहा कि पिछले तीन वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था 7% से अधिक की दर से बढ़ी है। उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है।”

बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण

हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। गुरुवार को निफ्टी 50 करीब 22,550 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स में 610 अंकों की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, इससे पहले निफ्टी 50 में गिरावट का लंबा दौर चला, जिससे बाजार अपने सितंबर के हाई से 15% गिर गया और निवेशकों के करीब 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 83 लाख करोड़ रुपये) डूब गए।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस अस्थिरता के कई कारण हैं। अमेरिका ने हाल ही में चीन, कनाडा और मैक्सिको सहित प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है।

इसके अलावा, भारत पर संभावित रिसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने की आशंका से भी निवेशकों की चिंता बढ़ी है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सितंबर से अब तक भारतीय शेयर बाजार से करीब 25 बिलियन डॉलर (लगभग 2 लाख करोड़ रुपये) की निकासी कर ली है।

साथ ही, कॉर्पोरेट कंपनियों के मुनाफे में भी गिरावट आई है। निफ्टी 50 की कंपनियों ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सिर्फ 5% लाभ दर्ज किया, जो लगातार तीसरी तिमाही में सिंगल-डिजिट ग्रोथ है।

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