शेयर बाजारों में बुधवार को एक माह की सबसे बड़ी एक दिवसीय उछाल दर्ज हुई। इससे निफ्टी में रिकॉर्ड 10 दिन से चली आ रही गिरावट थामने में मदद मिली। सूचकांक 1.2 फीसदी चढ़कर 22,337 पर पहुंच गया जिसे भारी गिरावट के बाद हुई चौतरफा खरीदारी और वैश्विक बाजार की धारणा में सुधार से सहारा मिला।
सेंसेक्स भी 1.01 फीसदी की बढ़त के साथ 73,730 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 8 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 393 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारत का बाजार पूंजीकरण 2025 में अभी तक 49 लाख करोड़ रुपये कम है।
पिछले कारोबारी सत्र में दोनों ही सूचकांक अपने नौ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। आज की तेजी व्यापार तनाव में नरमी की उम्मीदों और लगातार नुकसान के बाद खरीदारी के कारण देखने को मिली।
अमेरिकी वित्त मंत्री हावर्ड लटनिक ने संकेत दिया कि कनाडा और मेक्सिको के खिलाफ शुल्क की आंशिक वापसी हो सकती है। चीन के अधिकारियों ने भी अमेरिका के साथ बढ़ते कारोबारी तनाव के असर को कम करने के लिए प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की। धातु क्षेत्र के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई और निफ्टी मेटल इंडेक्स 4 फीसदी चढ़ा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के अनुसार चीन द्वारा अपने इस्पात उद्योग का पुनर्गठन करने तथा उत्पादन में कटौती करने के निर्णय से भारतीय बाजार में सस्ते इस्पात की डंपिंग में कमी आने की उम्मीद है जिससे घरेलू इस्पात कंपनियों को लाभ होगा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशको की बिकवाली जारी रही और बुधवार को उनकी शुद्ध निकासी 2,895 करोड़ रुपये रही जबकि देसी संस्थानों ने 3,371 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। निवेशक इस बढ़त के बने रहने को लेकर सतर्क रहे और इसके लिए अमेरिकी व्यापार शुल्कों को लेकर चिंता और कंपनियों के लाभ में कमी का हवाला दिया।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्र ने ट्रेडरों को सलाह दी कि वे एक दिवसीय उछाल में बहुत ज्यादा संकेत न खोजें और अगली पुष्टि के लिए प्रतीक्षा करें। उन्होंने कहा, हम शेयर विशेष के चयन का तरीका अपनाए हुए हैं, जहां हमें बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के अलावा धातु कंपनियों के शेयर लॉन्ग ट्रेड के लिए पसंद हैं, वहीं अन्य क्षेत्रों के लिए हमारा रुख चयनात्मक है।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 3,220 शेयर चढ़े जबकि 806 में गिरावट आई। तकनीकी विश्लेषकों ने कहा कि अगर रिकवरी जारी रहती है तो निफ्टी को 22,500-22,700 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।
