नई दिल्ली: क्या अंबानी, क्या अडानी… शेयर मार्केट की गिरावट ने बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयरों को धराशाई कर दिया है। इनमें कई शेयर ऐसे हैं जो पिछले 6 महीने में निवेशकों का आधे से ज्यादा नुकसान कर चुके हैं। यानी इनकी कीमत पिछले 6 महीने के मुकाबले आधे से ज्यादा गिर गई है। इसी में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) का शेयर भी शामिल है।गुरुवार को अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर में उतार-चढ़ाव रहा। यह तेजी के साथ खुला था, लेकिन बाद में गिरावट आ गई। इससे पहले बुधवार को यह शेयर बढ़त के साथ बंद हुआ था। गुरुवार को दोपहर 2:30 बजे यह शेयर करीब 0.25% की गिरावट के साथ 846.30 रुपये पर था। पिछले 6 महीने की रेकॉर्ड देखें तो इस शेयर ने निवेशकों की रकम आधी से भी कम कर दी है।
6 महीने में 50% से ज्यादा नुकसान
इस शेयर में पिछले दो दिनों से बेशक तेजी आई हो, लेकिन पिछले काफी समय से यह शेयर निवेशकों का जबरदस्त नुकसान कर रहा है। पिछले एक महीने में इसमें 15 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है।
वहीं बात अगर 6 महीने की करें तो इसने निवेशकों की रकम को आधे से भी कम कर दिया है। 6 महीने पहले इसके शेयर की कीमत 1863 रुपये थी। अब करीब 846 रुपये है। ऐसे में इसमें 6 महीने में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। यानी निवेशकों का आधे से ज्यादा नुकसान हो गया है।
5 साल पहले भरी थी झोली
इस शेयर ने 5 साल पहले यानी मार्च 2020 में निवेशकों की झोली भर दी थी। 6 मार्च 2020 को इसके शेयर की कीमत करीब 145 रुपये थी। दो साल में भी इसमें गजब की तेजी आ गई थी। 29 अप्रैल 2022 को यह 2883 रुपये पर पहुंच गया था। यानी निवेशकों को इन दो वर्षों में करीब 1888 फीसदी का फायदा हुआ था।
अगर किसी ने मार्च 2020 में इसमें एक लाख रुपये निवेश किए होते तो दो साल बाद उनकी कीमत करीब 20 लाख रुपये हो चुकी होती। यानी उन दो वर्षों में अडानी के इस शेयर ने पैसों की बारिश कर दी थी। लेकिन अब स्थिति उलट गई है।
क्यों आई गिरावट?
अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में गिरावट का सबसे बड़े कारण हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और गौतम अडानी पर लगे कथित रिश्वत के आरोप रहे। अडानी पर जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। इससे इसके शेयर में बड़ी गिरावट आई।
वहीं पिछले साल अमेरिकी कोर्ट ने आरोप लगाया था कि अडानी ने अधिकारियों को रिश्वत दी थी। रिश्वत के रूप में दी जिस रकम का इस्तेमाल किया गया, वह रकम अमेरिकी निवेशकों ने अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी में निवेश के लिए दी थी। इसके बाद इसमें एक और बड़ी गिरावट देखने को मिली।
