Stock Market Sell-Off Impact: घरेलू मार्केट में पिछले कुछ महीने से बिकवाली का दबाव बना हुआ है। इसके चलते इस साल 2024 में अब तक भारतीय कंपनियों का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक गिर गया और वैश्विक मार्केट में भारत का दबदबा घटा फिसलकर दो साल में पहली बार 3 फीसदी के नीचे आ गया। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक भारत का दुनिया भर के शेयर मार्केट में हिस्सेदारी 2.9% तक गिर गई है, जो इस साल की शुरुआत में लगभग 4% थी। घरेलू स्टॉक मार्केट में लिस्टेड भारतीय कंपनियों का कुल मार्केट कैप जनवरी से 23.3% घटकर अब $3.8 ट्रिलियन यानी 3.8 लाख करोड़ डॉलर रह गया है।
आधे स्टॉक मार्केट पर अमेरिका पर कब्जा
आंकड़ों के मुताबिक पिछले दस साल से वैश्विक इक्विटी मार्केट में भारत की हिस्सेदारी औसतन करीब 2.8 फीसदी है। वहीं अमेरिकी शेयरों का करीब आधे मार्केट पर दबदबा है। दूसरे स्थान पर चीन है लेकिन महज 8.2 फीसदी हिस्सेदारी के साथ। जापान की 5.2 फीसदी और हॉन्ग कॉन्ग की 4.6 फीसदी मार्केट पर दबदबा है। दिलचस्प बात ये है कि कनाडा, यूके और फ्रांस का दबदबा बढ़ा है और अब वैश्विक मार्केट में इनके स्टॉक्स की हिस्सेदारी 2.6-2.6 फीसदी है।
देश | वैश्विक मार्केट कैप में हिस्सेदारी (%) |
यूनाइटेड स्टेट्स | 49.6 |
चीन | 8.18 |
जापान | 5.24 |
हॉन्ग कॉन्ग | 4.63 |
भारत | 2.99 |
यूनाइटेड किंगडम | 2.64 |
फ्रांस | 2.6 |
कनाडा | 2.59 |
जर्मनी | 2.14 |
इस साल सबसे तेज गिरावट आई भारतीय मार्केट में
दुनिया के दस सबसे बड़े बाजारों में इस साल सबसे तेज गिरावट भारतीय मार्केट में आई है। निफ्टी 50 डॉलर के टर्म में इस साल करीब 9 फीसदी फिसला है। वहीं यूके का एफटीएसई 10 इस दौरान 10 फीसदी और फ्रांस का सीएसी 40 भी 12 फीसदी बढ़ा है। भारतीय मार्केट में यह गिरावट विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली के चलते आई है जिन्होंने जनवरी से अब तक करीब 1400 करोड़ डॉलर के भारतीय शेयर बेचे हैं, जिससे पांच महीने की कुल बिकवाली 2500 करोड़ डॉलर से अधिक हो गई है। निफ्टी 50 की बात करें तो पिछले साल 27 सितंबर को इंट्रा-डे में यह 26300 के करीब 26,277.35 के रिकॉर्ड हाई तक पहुंचा था और आज 4 मार्च को यह 22082.65 पर बंद हुआ है यानी कि रिकॉर्ड हाई से यह 15.96% नीचे आ चुका है।
