Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में हाल में आई गिरावट लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स के कारण नहीं बल्कि वैश्विक अस्थिरता के चलते हुई है. अर्थशास्त्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता, संजू वर्मा ने बुधवार को यह बयान दिया. वर्मा ने कहा कि हाल ही में एक फंड मैनेजर समीर अरोड़ा ने कहा कि एलटीसीजी के कारण भारतीय बाजार गिर रहा है. यह सही नहीं है. भारतीय बाजार वैश्विक कारकों के चलते गिर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि 12.5 प्रतिशत एलटीसीजी अप्रैल 2026 से लागू होगा. सरकार की ओर से एलटीसीजी की दर छोटे निवेशकों, संस्थागत निवेशकों और विदेशी निवेशकों सभी के लिए समान रखी गई है.
वर्मा ने आगे कहा कि भारत ही नहीं शंघाई, हांगकांग, जापान और सिंगापुर के बाजारों में भी गिरावट हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि इस गिरावट से पहले भारतीय शेयर बाजार में बड़ी रैली देखी गई थी और सितंबर 2024 तक निफ्टी 26,000 के आंकड़े को पार कर गया था, जो कि मार्च 2020 में 7,500 था.
ठीक इसी प्रकार की रैली सेंसेक्स में देखने को मिली और यह मार्च 2020 में 25,600 से बढ़कर सितंबर 2024 में 86,000 हो गया था. इस आधार पर बीते 4.5 वर्षों में निफ्टी ने 249 प्रतिशत और सेंसेक्स ने 235 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ महीनों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों के मार्केटकैप में 95 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केटकैप 2013 से 93 लाख करोड़ रुपये था, जो कि बढ़कर 457 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
वर्मा ने बताया कि बीते एक दशक में म्यूचुअल फंड्स का भी ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. म्यूचुअल फंड्स का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) जो कि 2013 में आठ लाख करोड़ रुपये था. नवंबर 2024 में बढ़कर 69 लाख करोड़ रुपये हो गया था.
