रेटिंग एजेंसी ICRA ने जेनसॉल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) की रेटिंग डाउनग्रेड कर ICRA D कर दी है। रेटिंग में यह कटौती डेट सर्विसिंग में देरी पर लेंडर्स से मिले फीडबैक पर हुई है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कंपनी ने डेट सर्विसिंग यानी कर्ज चुकाने को लेकर जो डॉक्यूमेंट्स पेश किए हैं, वह तथ्यात्मक रूप से गलत है। ऐसे में लिक्विडिटी पोजिशन समेत कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस प्रैक्टिसेज को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। एक दिन पहले केयर रेटिंग्स ने भी जेनसॉल इंजीनियरिंग की रेटिंग इसी डेट सर्विसिंग में देरी के चलते डाउनग्रेड की थी।
Gensol Engineering के साथ क्या है दिक्कतें?
ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी 2025 में जेनसॉल इंजीनियरिंग के प्रमोटर्स की 85.3% होल्डिंग्स गिरवी थी जबकि सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 79.8% था। ICRA का कहना है कि शेयरों के भाव में लगातार गिरावट के बीच प्रमोटर्स के गिरवी शेयरों की संख्या बढ़ने से कंपनी को आगे के ग्रोथ की योजनाओं के लिए पैसे जुटाने में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा कंपनी की प्रमोटर ग्रुप एंटिटी ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड घाटे में चल रही है और हाल ही में एनसीडी के पेमेंट्स में इसने देरी की है तो रेटिंग एजेंसी के मुताबिक इसने भी जेनसॉल इंजीनियरिंग की पूंजी जुटाने की क्षमता और वित्तीय लचीलेपन को झटका दिया है।
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि जेनसॉल ने हाल ही में पब्लिक डिस्क्लोजर में कहा था कि ग्रोथ को लेकर इसके पास कारोबार चलाने के लिए इसके पास पर्याप्त लिक्विडिटी है। 13 फरवरी को इंवेस्टर कॉल में कंपनी ने कहा था कि कंपनी के पास पर्याप्त वर्किंग कैपिटल के साथ-साथ इसके पास 250 करोड़ की लिक्विडिटी भी है। इसके अलावा कंपनी हर महीने की शुरुआत में लगातार कोई डिफॉल्ट नहीं होने की जानकारी भी दे रही थी जिससे डेट सर्विसेज के समय पर होने का संकेत मिल रहा था।
रेटिंग एजेंसी ने यह भी खुलासा किया है कि इस वित्त वर्ष में प्रिफरेंशियल शेयर वारंट्स के जरिए जेनसॉल इंजीनियरिंग में 244 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश की उम्मीद के मुकाबले सिर्प 140 करोड़ रुपये का ही निवेश आया है और बाकी दिसंबर 2025 तक टाल दिया गया यानी कि एक साल की देरी। कंपनी के ग्रोथ की योजनाओं के लिए समय पर इक्विटी निवेश महत्वपूर्ण है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि प्रमोटरों की हिस्सेदारी कम होने से नई इक्विटी निवेश योजना को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। एक और दिक्कत ये है कि कंपनी का ऑर्डर बुक ₹7,000 करोड़ रुपये से अधिक का है जिसे 12-18 महीने में पूरा करना है यानी कि मीडियम टर्म में रेवेन्यू के आसार दिख रहे हैं लेकिन इतने बड़े ऑर्डर बुक को पूरा करने के लिए पैसे कहां से आएंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
रिकॉर्ड हाई से 73% टूट चुके हैं शेयर
अब शेयरों की बात करें तो जेनसॉल इंजीनयिरिंग के शेयर बिकवाली के माहौल में लगातार पांच कारोबारी दिन तक टूटे ही थे लेकिन फिर रेटिंग डाउनग्रेड होने के चलते लगातार दूसरे कारोबारी दिन आज इसमें लोअर सर्किट लग गया। सात कारोबारी दिनों में इसके शेयर करीब 36 फीसदी टूट चुके हैं। जेनसॉल इंजीनियरिंग के शेयरों ने निवेशकों को तगड़ा शॉक दिया है क्योंकि इसके भाव रिकॉर्ड हाई से करीब एक चौथाई नीचे आ चुके हैं। पिछले साल 20 फरवरी 2024 को यह 1,377.10 रुपये के भाव पर था जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई लेवल था। एक साल से थोड़े अधिक समय में यह 72.94 फीसदी टूटकर आज 5 मार्च 2025 को 372.60 रुपये पर आ गया जो इसके लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है।
