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20 साल में पहली बार: गिरते बाजार में FMCG का भी बुरा प्रदर्शन

 

करीब 20 साल में पहली बार हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और एशियन पेंट्स जैसी एफएमसीजी कंपनियों के शेयर रक्षात्मक भूमिका निभाने में विफल रहे हैं और गिरते बाजार में खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। सितंबर 2024 के आखिर से निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक 20.2 प्रतिशत लुढ़क चुका है जबकि इस अवधि में बेंचमार्क निफ्टी 50 में 12.6 प्रतिशत की गिरावट आई है।

यह रुझान साल 2025 में भी जारी रहा और एफएमसीजी सूचकांक कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से 8 प्रतिशत लुढ़क गया, जबकि निफ्टी 50 में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 24 (मार्च 2024) के आखिर से एफएमसीजी सूचकांक में 3.2 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि बेंचमार्क सूचकांक में एक प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

परिणामस्वरूप पिछले एक साल के दौरान निफ्टी 50 में एफएमसीजी क्षेत्र का भार कम हुआ है। निफ्टी 50 में अब एफएमसीजी क्षेत्र का भारांश 9.5 प्रतिशत है जो मार्च 2011 के बाद से सबसे कम है, उस समय यह 9.2 प्रतिशत था। इसकी तुलना में साल 2014 में मार्च के आखिर में इस क्षेत्र का भारांश 11.1 प्रतिशत और साल 2024 में सितंबर के आखिर में 10.9 प्रतिशत था।

ऐतिहासिक रूप से देखें तो एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों ने कमजोर बाजार में बेहतर प्रदर्शन किया है तथा गिरावट को कम किया है और सूचकांक में सापेक्ष भारांश में इजाफा किया है। दूसरी तरफ बाजार में तेजी के दौरान चक्रीय तथा बैंकिंग, धातु, तेल और गैस, और पूंजीगत सामान जैसे हाई बीटा क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है जिससे एफएमसीजी के भारांश में सापेक्ष गिरावट आई है।

निफ्टी 50 के एफएमसीजी क्षेत्र के भारांश परिवर्तन और बेंचमार्क सूचकांक के एक साल के रिटर्न के बीच पारंपरिक रूप से काफी नकारात्मक सहसंबंध मौजूद रहा है। हालांकि अब यह ऐतिहासिक स्वरूप टूट गया है। बाजार में मौजूदा बिकवाली के दौरान एफएमसीजी शेयर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में शामिल हैं और सूचकांक में उनके भारांश में लगातार गिरावट आ रही है।

पिछली बार एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों ने व्यापक बाजार के साथ-साथ गिरावट वाले ऐसे ही अनुकूल-चक्रीय स्वरूप का प्रदर्शन किया था। वित्त वर्ष 2001 से वित्त वर्ष 2003 के दौरान ऐसा हुआ था। उस दौरान जब मार्च 2001 और मार्च 2003 के बीच निफ्टी 50 में 15 प्रतिशत की गिरावट आई थी तो सूचकांक में एफएमसीजी क्षेत्र का भारांश 24.9 प्रतिशत से घटकर 19.1 प्रतिशत रह गया था।

20 से अधिक वर्षों से एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों ने बाजार में गिरावट के दौरान सुरक्षित विकल्प के रूप में काम किया है, जिसमें कोविड-19 की बिकवाली और वित्त वर्ष 23 की गिरावट भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए वित्त वर्ष 20 के आखिर में एफएमसीजी क्षेत्र का भारांश 320 आधार अंकों की वृद्धि के साथ छह साल के शीर्ष स्तर 14.5 प्रतिशत पर पहुंच गया जबकि महामारी के कारण निफ्टी 50 में 26 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बाद अगले दो साल के दौरान इस क्षेत्र के भारांश में लगातार गिरावट आई क्योंकि बाजार में वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 में क्रमश: 70.9 प्रतिशत और 18.9 प्रतिशत की तेजी आई, जिससे मार्च 2022 तक एफएमसीजी क्षेत्र का भारांश घटकर 9.9 प्रतिशत रह गया।

इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 23 में दोबारा बेहतर प्रदर्शन किया और निफ्टी 50 में 0.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ इसका भारांश 260 आधार अंक तक बढ़ गया। वित्त वर्ष 24 में यह चक्र उलट गया और निफ्टी 50 में 28.6 प्रतिशत की तेजी आई।

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