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₹45 करोड़ में अमेरिका का ‘गोल्ड’ वीजा, भारतीयों के लिए कितना फायदेमंद है ट्रंप का ये नया प्लान?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “गोल्ड कार्ड” नाम से एक नया वीजा शुरु करने का ऐलान किया है। यह नया वीजा, ग्रीन कार्ड का एक प्रीमियम विकल्प होगा। यह योजना उन विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिका का वीजा पाने का रास्ता आसान कर देगी, जो वहां 5 मिलियन डॉलर (लगभग ₹41.5 करोड़) का निवेश कर सकते हैं। इसके तहत निवासियों को ग्रीन कार्ड के सभी लाभ मिलेंगे और अमेरिकी नागरिकता का रास्ता भी खुलेगा।

EB-5 वीजा की जगह लेगा गोल्ड कार्ड

इस योजना के तहत अमेरिका के मौजूदा EB-5 इनवेस्टर वीजा प्रोग्राम को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। EB-5 वीजा 1990 में शुरू किया गया था, जिसके तहत विदेशी निवेशकों को अमेरिका में रोजगार पैदा करने के मौके के आधार पर निवास दिया जाता था।

EB-5 वीजा के तहत विदेशी निवेशकों के लिए अमेरिका में न्यूनतम निवेश की सीमा $800,000 से $1.05 मिलियन थी। इस स्कीम को कई बार धोखाधड़ी और गलत इस्तेमाल के आरोपों का सामना करना पड़ा। ट्रंप प्रशासन ने 2019 में इस निवेश सीमा को बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन अदालत ने इसे 2021 में खारिज कर दिया था।

अब ट्रंप की नई योजना के तहत 1 करोड़ गोल्ड कार्ड बेचकर अमेरिकी सरकार को अरबों डॉलर का राजस्व देने की योजना बनाई गई है।

भारतीय नागरिकों पर असर

नया गोल्ड कार्ड वीजा भारतीय निवेशकों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। लेकिन इसकी कीमत ($5 मिलियन) इसे केवल कुछ खास अमीर लोगों के लिए संभव बनाती है। जो भारतीय नागरिक H-1B, EB-2, या EB-3 वीजा पर हैं, वे इस वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते वे वित्तीय शर्तें पूरी करें। इसके तहत नौकरी या बिजनेस निवेश की कोई बाध्यता नहीं होगी, जिससे सीधे अमेरिकी नागरिकता की ओर बढ़ा जा सकेगा।

भारतीयों के लिए दूसरे विकल्प

चूंकि गोल्ड कार्ड वीजा महंगा होने के चलते अधिकतर भारतीयों के लिए पहुंच से बाहर होगा, ऐसे में अन्य वीजा विकल्पों पर गौर किया जा सकता है-

EB-5 इन्वेस्टर वीजा: अगर इसे खत्म नहीं किया गया तो $800,000 निवेश पर ग्रीन कार्ड पाने का रास्ता रहेगा।

O-1 वीजा: तकनीक, अनुसंधान, कला और बिजनेस में असाधारण प्रतिभा रखने वाले भारतीयों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

L-1 वीजा: मल्टीनेशनल कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत भारतीयों के लिए यह ग्रीन कार्ड का एक संभावित मार्ग हो सकता है।

H-1B वीजा: हालांकि कॉम्पिटीशन और सख्त नियमों के कारण यह वीज़ा अब अधिक चुनौतीपूर्ण बन सकता है।

डिस्क्लेमरः stock market news  पर एक्सपर्ट्स/ब्रोकरेज फर्म्स की ओर से दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह उनके अपने होते हैं, न कि वेबसाइट और उसके मैनेजमेंट के। stock market news यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई भी निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।

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