वीकली आधार पर बाजार लगातार दूसरे हफ्ते गिरा। मिडकैप ने आउटपरफॉर्म किया। 21 फरवरी को खत्म हुए हफ्ते में सेंसेक्स 0.83 फीसदी और निफ्टी 0.58 फीसदी गिरा। ऐसे में आगे बाजार की चाल और एडलवाइस मिड कैप फंड (Edelweiss Mid Cap Fund) की स्ट्रैट्रेजी पर बात करते हुए Edelweiss AMC के सीआईओ त्रिदीप भट्टाचार्य (Trideep Bhattacharya) ने कहा कि 3-4 साल बाद मार्केट में करेक्शन आया। FY25 में अर्निंग्स कट होता दिखा है जबकि FY25 में 14-15% अर्निंग ग्रोथ का अनुमान था। फरवरी तक 10-12% की कटौती दिखी। अब FY25 में ग्रोथ 3-4% ही रहने का अनुमान है। FY25 अब ईयर ऑफ नो ग्रोथ हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि मार्केट में बीटा, अल्फा का चेंज देखने को मिला है। चुनावी साल की वजह से सरकार की स्पेंडिंग कम रही। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से अनिश्चितता रही। ट्रंप के आने से ग्लोबल अनिश्चितता बनी हुई है। पिछले साल सरकारी कैपेक्स हुआ नहीं। बजट में कैपेक्स को लेकर चर्चा हुई थी। कंजम्पशन में बजट में पॉजिटिविटी दिखी जबकि बजट में टैक्स कट को लेकर पॉजिटिविटी दिखी। हालांकि सरकारी कैपेक्स में ग्रोथ वापस आने की उम्मीद है। FY26 में अर्निंग ग्रोथ देखी जा सकती है। 3-5 महीने मार्केट को लेकर कंसर्न है।
मौजूदा स्तर से कितना गिरेगा मार्केट?इस सवाल का जवाब देते हुए त्रिदीप भट्टाचार्य ने कहा कि मार्केट को लॉन्गटर्म की तरीके से देखें। सालाना 10-12% की अर्निंग्स में कटौती रही। शॉर्ट टर्म करेक्शन पर बोलना मुश्किल है। 4-5% से ज्यादा करेक्शन होने की उम्मीद कम है। FY26 में मार्केट में रिकवरी दिख सकती है। अगले 3-5 महीने में बाजार में निवेश करें।
Q2 Vs Q3, कितना बदलाव? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल सेक्टर में सरकारी कैपेक्स उम्मीद है। FY25 शुरुआत में सरकारी डिसीजन मेकिंग कम रहा। Q4 में Q1,Q2 और Q3 से अच्छा बिजनेस होने की उम्मीद है। Q4 आउटलुक में पॉजिटिविटी दिखेगी। अभी ओवरऑल कंजम्पशन में कमजोरी संभव है। रूरल कंजम्पशन रिलेटेड शेयरों में आउटलुक पॉजिटिव है। हार्वेस्टिंग सिस्टम बढ़ने से रूलर कैशफ्लो बेहतर होगा। Q4 में बेहतर बिजनेस की उम्मीद है।
ट्रंप की नीतियों पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि अप्रैल के पहले हफ्ते तक ज्यादा चर्चा रहेगी। अलग-अलग सेक्टर पर अलग-अलग फैसले दिखे। अप्रैल के पहले हफ्ते में बेहतर डील संभव है। अर्निंग्स पर असर पड़ सकता है।
एडलवाइस मिड कैप फंड की स्ट्रैट्रेजी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि लार्जकैप में 15% तक का ही एक्सपोजर है जबकि 85% मिड, स्मॉलकैप में एक्सपोजर है। ग्रोथ वाली कंपनियों में निवेश स्ट्रैटेजी है। मिडकैप में लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दिया। 5-7 साल के लिए निवेश करने की सलाह है। डायवर्सिफिकेशन के लिए ये फंड अच्छा ऑप्शन है। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखते हैं। 60-80 स्टॉक्स के बीच ऑपरेट करते हैं। कम स्टॉक्स होने से कंसंट्रेशन रिस्क होता है। स्टॉक्स के बीच बैलेंस बनाना जरूरी है। दो बार रिव्यू, रीबैलेंसिंग करते हैं। उतार-चढ़ाव के हिसाब से रिव्यू करते है। रिस्क मैनेज करने की स्ट्रैटेजी पर काम करते है।
सेक्टर्स की रणनीति पर बात करते हुए त्रिदीप भट्टाचार्य ने कहा कि अभी इकोनॉमिक तौर पर ग्रोथ की चिंता है। कंजम्पशन सेक्टर को लेकर पॉजिटिव हुआ। अगले 6-12 महीने में अच्छी ग्रोथ संभव है। कंजम्पशन स्पेंडिंग बढ़ने की उम्मीद है। IT सर्विसेज में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है। 12-15 महीने में अच्छी ग्रोथ रह सकती है। NBFCs को रेट कट का फायदा मिलेगा। NBFCs पर ज्यादा बुलिश है। NBFCs में वैल्युएशन काफी किफायती हैं। NBFCs की अर्निंग्स, ग्रोथ फोकस बेहतर है।
उन्होंने आगे कहा कि टियर 2 में PSUs में संभलकर रहें। PSUs में कमजोरी नजर आ रही है। यूटिलिटीज रिलेटेड कंपनी में भी कमजोरी नजर आ रही है। कंज्यूमर स्पेकल्स के कई सेगमेंट में मंदी संभव है।
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