बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए Helios India के CEO दिनशॉ ईरानी ने कहा कि बाजार का पेन अब कम होता दिख रहा है। अब गिरने वाले स्टॉक्स और गिरवट की दर दोनों ही कम होते दिख रहे हैं। अब बाजार का वैल्यूएशन भी सही हो गया है। सितंबर में भारत का प्रीमियम 26 फीसदी तक पहुंच गया था जो अब 3-4 फीसदी के आसपास रह गया है। ऐसे में बाजार ने दोनों तरफ काफी अच्छा मूव देख लिया है। इसकी वजह अमेरिका में आई मजबूती रही है। अमेरिका की तेजी के चलते हमारा प्रीमियम काफी कम हो गया है। अब बाजार में यहां से बिकवाली थमती दिखनी चाहिए। हालांकि कुछ पॉकेट्स अभी भी महंगे हैं। लेकिन इस समय तमाम क्वालिटी शेयर अच्छे भाव पर मिल रहे हैं। दिनशॉ का मानना है कि बाजार का ये फेज स्टॉक पिकर्स के लिए बहुत अच्छे मौके दे रहा है।
दिनशॉ ने आगे कहा कि अन्य कारणों के साथ ही महंगे वैल्यूएशन और ग्रोथ में सुस्ती के चलते भी एफआईआई की बिकवाली बढ़ी थी। लेकिन अब ग्रोथ को लेकर अच्छे संकेत मिल रहे हैं। ग्रामीण और शहरी मांग में थोड़ा सुधार दिख रहा है। आरबीआई के प्रोएक्टिव उपाय चालू हो गए हैं। बजट में भी खपत बढ़ाने की अच्छी कोशिश हुई है। ये सब देख कर लग रहा है कि बाजार में यहां से थोड़ा उत्साह आना चाहिए। हो सकता है कि अगली एक दो तिमाहियों में हमारे बाजार कंसोलीडेशन के फेज में रहें। लेकिन इस बात को ध्यान में रखें की कंसोलीडेशन को दौर में ही बाजार में निवेश के लिए अच्छे शेयर मिलते हैं। इसी स्थिति में वेल्थ क्रिएशन होता है।
बैंकिंग सेक्टर पर बात करते हुए दिनशॉ ने कहा कि एचडीएफसी बैंक में एफआईआईजी की 55-56 मिलियन डॉलर की बड़ी होल्डिंग है। हमें एचडीएफसी बैंक में अभी धैर्य रखना होगा। दिनशॉ ने बताया कि वे बैंकिंग सेक्टर पर काफी ज्यादा बुलिश हैं और एचडीएफसी बैंक इस सेक्टर का सदाबहार स्टॉक है। अगर बैंकिंग सेक्टर चला तो एचडीएफसी बैंक सबसे बड़ा परफॉर्मर रहेगा।
भारत में टेस्ला की एंट्री और नई EV पॉलिसी पर बात करते हुए दिनशॉ ईरानी ने कहा कि इससे अब प्रीमियम सेगमेंट के ऑटो पर भी दबाव देखने को मिल सकता है। टेस्ला से ज्यादा बड़ा चीन का कंपीटिशन है। चीन से कंपीटिशन का ऑटो पर असर होगा। ऑटो में प्रीमियम सेगमेंट में ही अच्छी ग्रोथ थी। एंट्री लेवल सेगमेंट में ग्रोथ सपाट थी। नई प़ॉलिसी से प्रीमियम सेगमेंट में दबाव बढ़ने की आशंका है। इससे ऑटो शेयरों के वैल्युएशन में कमी आएगी।
ट्रंप टैरिफ पर बात करते हुए दिनशॉ ईरानी ने कहा कि ट्रंप टैरिफ का आईटी सेक्टर पर असर नहीं होगा। H1B वीजा पर भारतीय कंपनियों की निर्भरता कम है। फार्मा सेक्टर पर ट्रंप टैरिफ का असर संभव है।
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