Stock Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार 20 फरवरी को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। कमजोर ग्लोबल संकेतो के बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान में खुले। सुबह 9.15 बजे के करीब, सेंसेक्स 319.89 अंक या 0.42 प्रतिशत गिरकर 75,619.29 पर आ गया। वहीं निफ्टी 80.35 अंक या 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,852.55 पर कारोबार कर रहा था। साल 2025 की शुरुआत से अब तक सेंसेक्स 3% से ज्यादा गिर चुका है, और सितंबर 2024 के रिकॉर्ड स्तर से ये लगभग 13% नीचे आ चुका है। एशियाई बाजारों में कमजोरी, अमेरिका की नई टैरिफ नीतियों, महंगे वैल्यूएशन्स, और कंपनियों की सुस्त कमाई ने बिकवाली का दबाव बढ़ा दिया है।
आइए जानते हैं कि शेयर बाजार में इस गिरावट के पीछे 4 प्रमुख कारण क्या रहे-
1. अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी का असर
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 फरवरी को ऑटो, फार्मा और सेमीकंडक्टर आयात पर 25% या उससे ज्यादा शुल्क लगाने की योजना का ऐलान किया। इससे दक्षिण कोरिया और जापान की ऑटो कंपनियों को बड़ा झटका लग सकता है। भारत की फार्मा कंपनियों को भी इस फैसले से नुकसान होगा, क्योंकि भारतीय फार्मा कंपनियां अमेरिकी बाजार में प्रमुख सप्लायर्स हैं। ट्रंप के इन टैरिफ फैसलों और उनके संभावित असर ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
2. कमजोर तिमाही नतीजे और बाजार की अनिश्चितता
दिसंबर तिमाही के कमजोर नतीजों ने ब्रोकरेज फर्मों को कई कंपनियों के शेयरों की रेटिंग घटाने के लिए मजबूर किया है। हालांकि अब तिमाही नतीजों का सीजन लगभग अपने अंत की ओर है। फिडेंट एसेट मैनेजमेंट के फाउंडर और सीआईओ ऐश्वर्य दाधीच ने कहा कि तिमाही नतीजे खत्म होने के बाद अब निवेशकों की नजर अमेरिकी व्यापार नीतियों पर है। अगर अमेरिका कोई रेसिप्रोकल टैक्स पॉलिसी लागू करता है, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। लेकिन अभी इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जो निवेशकों को परेशान कर रहा है।
दाधीच ने कहा कि बाजार पिछले तीन दिनों में हमारे बाजारों में कुछ राहत मिली है। निफ्टी इंडेक्स इस दौरान 22,800 के आसपास बना हुआ है, लेकिन इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि बाजार मजबूत स्थिति में आ गया है।
3. मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भारी गिरावट
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स आज शुरुआती कारोबार में 0.4% तक लुढ़क गए। सितंबर 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद से मिड-कैप इंडेक्स 17% और स्मॉल-कैप इंडेक्स 21% गिर चुके हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सेगमेंट का वैल्यूएशन काफी ज्यादा ऊंचा हो गया है, जिसके चलते निवेशक इनमें बिकवाली कर रहे हैं।
ऐश्वर्य दाधीच ने कहा कि, “अगर अगले महीने मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स मौजूदा स्तरों से 10 प्रतिशत और गिरते हैं, तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। मिड-कैप का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा बना हुआ है। हालांकि स्मॉल-कैप का वैल्यूएशन अब अपने चरम स्तरों पर नहीं है, लेकिन फिर भी ये सस्ते नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि स्मॉल कैप में सीमित गिरावट देखने को मिलेगी, लेकिन मिडकैप को FIIs की बिकवाली और वैल्यूएशन चिंताओं के कारण थोड़ा अधिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है। अगर जीडीपी ग्रोथ या किसी ग्लोबल रिस्क से जुड़ी बुरी खबर आती तो इन्हें अतिरिक्त चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है।”
4. FIIs की लगातार बिकवाली
फरवरी में अब तक विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध रुप से 30,216 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। FIIs की बिकवाली बढ़ने का एक कारण यह है कि अमेरिका में आगे भी ब्याज दरें ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। इसके चलते निवेशक भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट्स से पैसा निकालकर सुरक्षित समझे जाने वाले एसेट्स में निवेश कर रहे हैं। हालांकि इस बीच घरेलू निवेशकों (DIIs) ने 35,809 करोड़ रुपये की खरीदारी की है, जिससे बाजार को थोड़ी राहत मिली है।
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